Netaji Subhas Chandra Bose Birth Anniversary: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 जनवरी को 127वीं जयंती मनाई जा रही है। देश की आजादी में बेहद अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी अपने साहस और जीवटता के लिए अलग पहचान रखते हैं। आजाद हिंद फौज का गठन कर अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाने वाले नेताजी ने उस दौर की सबसे मुश्किल सिविल सर्विसेस परीक्षा को पास कर लिया था। इसके बाद उन्होंने साल 2021 में सिविल सर्विसेस से इस्तीफा दे दिया। नेताजी की इस बर्थ एनिवर्सरी पर उनके द्वारा दिया गया इस्तीफा पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 

IFS अफसर ने शेयर किया लेटर
सुभाष चंद्र बोस ने 22 अप्रैल 1921 को अपनी सिविल सर्विसेस से इस्तीफा दिया था। इसके बाद वे स्वतंत्रता आंदोलन की मशाल ले उठ खड़े हुए थे। नेताजी द्वारा दिए गए इस्तीफे की कॉपी को आइएफएस अफसर प्रवीण कासवन ने इंस्टाग्राम अकाउंट (@praveenkaswan) से शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा '22 अप्रैल 1921 को सुभाष चंद्र बोस ने ज्यादा महान काम आजादी के संघर्ष में हिस्सा लेने के लिए इंडियन सिविल सर्विस से इस्तीफा दे दिया था। तब वे सिर्फ 21 साल के थे। उनका असली इस्तीफा पत्र। नेताजी को उनकी जयंती पर याद करते हुए। '

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
नेताजी की जयंती के अवसर पर देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। राष्ट्रपित मुर्मू ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा 'मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं, जिसे पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है! देश की आजादी के लिए नेताजी ने अतुलनीय भूमिका निभाई। उनका अदम्य साहस और करिश्मा ने अंग्रेजी हुकूमत के सामने भारतीयो को निडरता से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी शक्तिशाली शख्सियत ने आजादी के संघर्ष में गहरा प्रभाव डाला। राष्ट्र नेताजी को उनके कार्य के लिए हमेशा याद करेगा।'

पराक्रम दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पोस्ट करते हुए लिखा 'पराक्रम दिवस के मौके पर देश के सभी नागरिकों का अभिवादन। आज उनकी जयंती के अवसर पर, हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साहस और जीवन को नमन करते हैं। उनका राष्ट्र की आजादी के लिए दिया गया निस्वार्थ समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।'