19 Sep 2024
पितृपक्ष की शुरुआत दो दिन पहले यानी 17 सितंबर से हो चुकी है, लोगों ने अपने-अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति के लिए तर्पण करना शुरू कर दिया है।
धार्मिक ग्रंथों में गया, हरिद्वार, अयोध्या और काशी के घाटों को श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने के लिए शुभ माना गया है।
लेकिन क्या आपको पता भगवान श्री राम ने अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध कहां और किस स्थान पर किया था। आइए जानते हैं।
मान्यता है कि जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे। उनकी याद में राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए। जब 14 वर्ष बाद राम जी आए तो उन्होंने अपने पिता का श्राद्ध किया।
मान्यता है कि भगवान श्री राम, माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण जी बिहार के गया आए थे। यहीं पर उन्होंने अपने पिता का श्राद्ध और पिंडदान किया।
तब से लेकर आज तक गया का नाम प्रसिद्ध हो गया। इसलिए यहां पितृपक्ष पर दूर-दूर से लोग पिंडदान करने के लिए आते हैं।