30 Sep 2024
चतुर्दशी श्राद्ध के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जगकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
इसके बाद पितृ देव के स्थान को गाय के गोबर से लीपे और गंगाजल से उस स्थान को पवित्र करें।
पितरों के लिए सात्विक भोजन बनाकर ब्राह्मणों को श्राद्ध भोजन के लिए आमंत्रण दें।
उसके बाद विधि-विधान से पितरों की तर्पण करें, उसके बाद जल में काले तिल मिलाकर तर्पण करें।
पितृदेवों को चावल का पिंड बनाकर उन्हें अर्पित करें। उसके बाद ही ब्राह्मण को भोजन कराएं।
ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर में खुशहाली बनी रहती है।