Bangladesh Foreign Minister Dr AK Abdul Momen on india relations: भारत के पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हैं। एक तरफ पाकिस्तान से लंबे समय से द्विपक्षीय वार्ता बंद चल रही है तो मालदीव के साथ नया राजनयिक तनाव खड़ा हो गया है। इस बीच सबकी निगाहें बांग्लादेश पर टिकी हुई हैं। 7 जनवरी को बांग्लादेश में चुनाव हुए तो शेख हसीना की पार्टी एक बार फिर सत्ता में लौटी है। शेख हसीना 5वीं बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। उन्होंने जीत के बाद भारत के साथ करीबी संबंधों को याद करते हुए भारत को भरोसेमंद दोस्त बताया। लेकिन सवाल यही है कि बांग्लादेश कब तक भारत का भरोसेमंद दोस्त रहेगा?
फिलहाल बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि बांग्लादेश कभी भी चीन के आगे घुटने नहीं टेकेगा। भारत को चिंता करने या डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आम चुनाव, भारत और मालदीव के बीच मौजूदा राजनयिक टकराव के बारे में खुलकर बात की।
विपक्षी दल ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए?
डॉ. एके अब्दुल मोमन ने कहा कि बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी चुनाव हुआ। विपक्षी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। बावजूद इसके लोग घरों से निकले और वोट देने आए। लोगों ने फिर से शेख हसीना पर विश्वास जताया। लोगों को भी पता है कि उन्होंने वोट देने का अधिकार मिला है। सरकार बदलने के लिए वोटिंग ही एकमात्र रास्ता है। राजनीति में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। आतंकवादियों के लिए कोई जगह नहीं है। आतंकवादियों को किसी के द्वारा प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा। चुनाव से पहले कुछ हिंसाए हुई हैं। पुलिस ने उनसे निपट रही है।
क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र स्थिर है?
डॉ. एके अब्दुल मोमन ने कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र स्थिर है। चुनाव में 120 मिलियन मतदाताओं ने मतदान किया। हम दुनिया में लोकतंत्र के अग्रदूतों में से एक हैं। हमने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव का उदाहरण स्थापित किया है।
भारत के साथ रिश्ते को कैसे बढ़ाएंगे?
विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा रिश्ता पहले से ही बहुत मजबूत है। यह सिर्फ आज की बात नहीं है, क्योंकि हमारे जन्म के समय, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत ही सबसे बड़ा मददगार था। उन्होंने आज़ादी के लिए हमारी तरह खून बहाया। हमारा एक इतिहास है। प्रधानमंत्री शेख हसीना और पीएम मोदी के बीच बहुत अच्छा तालमेल है।
भारत और मालदीव के बीच टकराव की स्थिति है, इस पर क्या राय है?
अब्दुल मोमन ने कहा कि हम आम तौर पर दूसरों का सम्मान करते हैं। लोगों से भी यही अपेक्षा करते हैं। इसलिए हमारा मानना है कि हमें गरिमा और पद का सम्मान करना चाहिए।
चीन का प्रभाव क्षेत्र बढ़ रहा है, आप इसे कैसे देखते हैं?
विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में चीन का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। चीन एक विकास भागीदार है। एक ठेकेदार के रूप में या एक विशेषज्ञ के रूप में वे हमारी कुछ परियोजनाओं में हमारी मदद कर रहे हैं। लेकिन अगर आप देखें कि हमें चीन से कितना पैसा मिला है, तो यह जीडीपी के 1 फीसदी से भी कम है। तो यह कुछ भी नहीं है। एक धारणा बनाई जा रही है कि बांग्लादेश भी चीन का कर्जदार होता जा रहा है। एक देश दूसरे देश के कर्ज में डूबा हो सकता है, यदि उसकी विदेशी उधारी 55 प्रतिशत से अधिक हो। हमारी कुल उधारी सिर्फ 13.6 फीसदी है। हम कोई भी सहायता या फंड प्राप्त करने में बहुत विवेकपूर्ण हैं। इसलिए लोगों को यह डर नहीं होना चाहिए कि बांग्लादेश चीनियों के आगे झुक जाएगा।