Pakistan PTI Ban: पाकिस्तान की सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध देशविरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते लगाया गया। न्यूज एजेंसी एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार के हवाले से यह दावा किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री तरार ने कहा- "हमारा मानना है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सरकार ने फैसला किया है कि सरकार PTI पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक मामला दर्ज करेगी।''
एक साल से जेल में बंद हैं इमरान खान
- इमरान खान पिछले करीब एक साल से कई अदालती मामलों के चलते जेल में बंद हैं। इमरान कह चुके हैं कि यह सभी मामले उन्हें अगले साल फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों से दूर रखने के लिए थोपे गए हैं।
- क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान को लाहौर पुलिस ने मई 9 दंगों के मामले में गिरफ्तार किया था। पिछले हफ्ते लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट (ATC) ने मई 9 दंगों के तीन मामलों में PTI चीफ को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया और पुलिस को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति दी थी।
- इससे पहले नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने तोशाखाना मामले में उनके 8 दिन की रिमांड हासिल की थी। इमरान पर लाहौर कोर कमांडर हाउस, जिसे जिन्ना हाउस के नाम से भी जाना जाता है, अस्करी टावर और शादमान पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट से PTI को मिली थी राहत
शहबाज शरीफ सरकार का यह कदम पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा PTI को राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीटों में हिस्सेदारी योग्य ठहराए जाने के कुछ दिनों बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद PTI 109 सीटों के साथ नेशनल असेंबली की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
2022 में सत्ता से बेदखल होने के बाद से इमरान खान लगातार पाकिस्तान सेना में लीडरशिप और सरकार समर्थकों को घेरते रहे हैं।
इमरान और बुशरा बीबी इद्दत केस में हुए बरी
1992 के वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेट कप्तान इमरान खान पर कई मामले दर्ज हैं। पिछले शनिवार को इस्लामाबाद के एक कोर्ट ने इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को इद्दत केस (गैर-इस्लामिक निकाह) में बरी कर दिया। इस मामले में बुशरा के पूर्व पति खावर मानेका द्वारा चुनौती के बाद इमरान को 7 साल की सजा और 5 लाख पाकिस्तानी रुपए जुर्माना लगाया गया था।