S Jaishankar US Visit: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका दौर पर बुधवार (22 जनवरी) को साल 2021 में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का मुद्दा उठाया। जयशंकर ने हमले को गंभीर मसला बताया। विदेश मंत्री ने कहा कि इस घटना में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के साथ मुलाकात के कुछ घंटों बाद ही यह बात कही।बता दें कि जयशंकर डोनाल्ड ट्रंप के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे हैं।
सैन फ्रांसिस्को हमले पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर मार्च 2023 में खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था। इन लोगों ने दूतावास में तोड़फोड़ की और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। खालिस्तानियों ने दूतावास में तैनात भारतीय अफसरों के साथ मारपीट भी की थी। इन उपद्रवियों ने जवलनीशील पदार्थों की मदद से दूतावास को जलाने की भी कोशिश की थी। सिक्योरिटी बैरिकेड्स तोड़कर खालिस्तानी झंडे भी दूतावास के भीतर ले गए थे। इस पर भारत ने उस समय भी चिंता जताई थी। अमेरिकी सरकार से मामले में सख्त एक्शन लेने की मांग की थी।

भारतीय दूतावास पर दो-दो बार हो चुके हैं हमले
बता दें कि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास दो-दो बार खालिस्तानी आतंकियों के निशाने पर आ चुका है। एक बार 2023 में मार्च में दूतावास पर हमला किया गया था। इसके ठीक तीन महीने बाद, जुलाई 2023 में फिर से खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर दोबारा हमला बोला था। खालिस्तानी समर्थकों ने दूतावास को जलाने की कोशिश की थी। हालांकि, कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन दूतावास में काम करने वाले भारतीय अफसर इन हमलों से डर गए थे।अब विदेश मंत्री ने जयशंकर ने इस मसले को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष उठाया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

भारत ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
जयशंकर ने साफ कहा कि भारत को केवल सहानुभूति नहीं चाहिए। भारत ठोस कार्रवाई चाहता है। विदेश मंत्री ने दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा देने की मांग की। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने होंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को कूटनीति में सिर्फ सहानुभूति नहीं बल्कि जवाबदेही चाहिए। एस जयशंकर की इस मांग पर अमेरिकी प्रशासन ने जांच का भरोसा दिया है। बता दें कि कई खालिस्तानी आतंकियों ने फिलहाल अमेरिका को अपना ठिकाना बना रखा है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अक्सर अमेरिका से वीडियो जारी कर भारत को धमकी दे चुका है।

वीजा में देरी का मुद्दा भी उठाया
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद, विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मुलाकात की। रुबियों के साथ बैठक के दौरान एस जयशंकर ने वीजा जारी करने में हो रही देरी का मुद्दा भी उठाया गया।जयशंकर ने कहा कि वीजा प्रक्रिया में तेजी लाना जरूरी है ताकि व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही, बांग्लादेश से जुड़े कुछ विषयों पर भी चर्चा की। हालांकि जयशंकर ने इस पर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की।

जयशंकर बोले- मजबूत हैं भारत और अमेरिका के संबंध
जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत हैं, लेकिन वाणिज्य दूतावास पर हमले जैसी घटनाएं दोनों देशों के रिश्तों कमजोर कर सकती है।विदेश मंत्री ने अमेरिकी अधिकारियों से इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करने की अपील की। जयशंकर ने दो टूक कहा कि दोनों देशों के संबंध तब ही मजबूत होंगे जब आपस में सहयोग बढ़ेगा और समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा। जयशंकर ने भारत की चिंताओं को अमेरिका के सामने मजबूती से रखा। विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि इन समस्याओं का जल्द समाधान होगा।