Emergency Martial Law: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मंगलवार (3 दिसंबर) को देश में मॉर्शल लॉ लागू कर दिया। इस दौरान देश के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों पर सरकार को पंगु बनाने, उत्तर कोरिया के प्रति सहानुभूति रखने और देश की संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में इमरजेंसी की घोषणा की। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया में जारी राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। 

राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों द्वारा उत्पन्न खतरों से बचाने और देश विरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए मैं इमरजेंसी मार्शल लॉ लागू कर रहा हूं। 

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'नेशनल असेंबली अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गई'
दक्षिण कोरिया की 300 सदस्यीय संसद में बहुमत वाले विपक्षी सांसदों ने कुछ दिनों पहले ही एक छोटे बजट प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस पर मुख्य फंडिंग में कटौती के लिए राष्ट्रपति यून सुक-योल ने आलोचना की थी। कहा था कि हमारी नेशनल असेंबली अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गई है। य​ह विधायी तानाशाही का अड्डा बन गई है, जो न्यायिक और प्रशासनिक प्रणालियों को पंगु बनाना चाहती है।

राष्ट्रपति यून ने विपक्ष के आरोपों को सही साबित किया
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कुछ समय पहले आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति यून सत्ता का दुरुपयोग कर देश में मार्शल लॉ लगाने की साजिश रच रहे हें। विपक्षी नेता ली जे-म्युंग ने कहा था उनका यह कदम देश में तानाशाही को जन्म दे सकता है। तब यून ने विपक्ष के इन आरोपों को मनगढ़ंत बताया था। 

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