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Buddha Purnima 2024: गुरूवार, 23 मई 2024 को देशभर में बुद्ध पूर्णिमा उत्सव सेलिब्रेट किया जा रहा है। वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में हर एक पूर्णिमा तिथि को बेहद अहम माना गया है

Buddha Purnima 2024: गुरूवार, 23 मई 2024 को देशभर में बुद्ध पूर्णिमा उत्सव सेलिब्रेट किया जा रहा है। वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में हर एक पूर्णिमा तिथि को बेहद अहम माना गया है, लेकिन उनमें से 'वैशाख पूर्णिमा' काफी विशेष मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित हैं। इस बार तो वैशाख पूर्णिमा इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग निर्मित हो रहे हैं। 

इस बार की बुद्ध पूर्णिमा अथवा वैशाख पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग के साथ-साथ शुक्र-सूर्य युति से शुक्रादित्य योग और गुरु-शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग का भी निर्माण हो रहा है। एक साथ इतने सारे शुभ राजयोगों के निर्माण से राशिचक्र पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ने वाले है। यही वजह है कि जातकों को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर स्‍नान-दान, पुण्‍य, पूजा-पाठ में अपना मन लगाना चाहिए। इससे उन्हें जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। 

बुद्ध पूर्णिमा स्‍नान-दान शुभ मुहूर्त
(Buddha Purnima Shubh Muhurat) 

वैदिक पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई शाम 5 बजकर 50 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन 23 मई की शाम 6 बजकर 20 मिनट पर होगा। इस बीच 23 मई, गुरुवार को सुबह 4 बजकर 04 मिनट से सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक स्नान और दान के लिए शुभ समय रहेगा। इसके अलावा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक ही रहेगा। 

बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि 
(Buddha Purnima Puja Vidhi) 

  • - बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा या अन्‍य किसी पवित्र नदी में स्नान करें। 
  • - इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर गंगाजल मिले जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें। 
  • - बुद्ध पूर्णिमा के दिन आप पीपल के पेड़ में भी जल अर्पित कर सकते है। 
  • - स्नान के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। 
  • - पूजा में भगवान विष्‍णु-माता लक्ष्‍मी के सामने घी का दीपक जलाएं। 
  • - पूजा में भगवान को फल, फूल, मिठाई के साथ तुलसी दल भी अर्पित करें। 
  • - पूजा के अंत में विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और फिर आरती करें। 

वैशाख पूर्णिमा का दान
(Vaishakha Purnima Daan)

वैशाख पूर्णिमा के दिन जातकों को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखना चाहिए। लेकिन याद रखना जरुरी है कि व्रत और पूजा का फल तभी मिलता है, जब दान-पुण्‍य किया जाएं। वैशाख पूर्णिमा के दिन आप किसी भी ब्राह्मण को पानी से भरा घड़ा, मिठाई और फल का दान कर सकते है। 

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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