Car Driving Tips: कार चलाना सीखना बहुत से लोगों के लिए मुश्किल काम हो सकता है, मगर यकीन मानिए ये मुश्किल काम करोड़ों लोगों के लिए बेहद आसान बना हुआ है क्योंकि वे ड्राइविंग में पारंगत हो चुके हैं। ऐसे ही कुछ खास टिप्स आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्हें फॉलो करके आप एक फुल ट्रेंड ड्राइवर बन सकते हैं।
1. अपनी गाड़ी से परिचित हों
गाड़ी चलाना सीखने से पहले गाड़ी के डिवाइस को समझना सबसे ज़रूरी है। इंस्ट्रूमेंट पैनल के कार्यों को समझने से गाड़ी को सही तरीके से चलाने में मदद मिलती है और सुरक्षित ड्राइविंग का अनुभव मिलता है। तीन मुख्य पैडल – एक्सेलेरेटर, ब्रेक और क्लच (अगर गाड़ी में हो) को अच्छे से चलाना सीखना ज़रूरी है। इन्हें याद रखने के लिए “एबीसी” (एक्सेलेरेटर, ब्रेक, क्लच)। अंत में, गाड़ी खड़ी होने पर गियर बदलने का अभ्यास करें और उनके स्थान को याद रखें, इससे गाड़ी चलाते समय गियर आसानी से बदले जा सकेंगे। यह बुनियादी ज्ञान आपको आत्मविश्वास के साथ गाड़ी चलाने के लिए सशक्त बनाता है।
2. इंस्ट्रूमेंट पैनल और सिस्टम को समझें
कार चलाने से पहले इंस्ट्रूमेंट पैनल को अच्छी तरह जान लेना चाहिए। कई बटन और उनके कार्यों की जानकारी होना जरूरी है। कार के क्लाइमेट कंट्रोल, लाइटिंग सिस्टम और अन्य सुविधाओं का सुरक्षित और कुशलता से नियंत्रण जरूरी है। इसके अलावा, इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के साइन को समझ लेना चाहिए। नीले और हरे रंग के इंडिकेटर को जानना जरूरी है। नारंगी, लाल या पीली रोशनी चेतावनी का संकेत है। ये कम तेल का, टायरों में हवा के दबाव में अंतर या गाड़ी में किसी खराबी का इशारा हैं।
3. ड्राइविंग पोजीशन को सही रखें
सुरक्षित और आरामदायक ड्राइविंग के लिए गाड़ी को सही तरीके से सेट करना बहुत ज़रूरी है। नए ड्राइवर अक्सर सीट, मिरर और कभी-कभी स्टीयरिंग व्हील को आरामदायक स्थिति में एडजस्ट करने की क्षमता को नजरअंदाज कर देते हैं। सीट को एडजस्ट करके सुनिश्चित करें कि आप सभी नियंत्रणों (पेडल, स्टीयरिंग, गियर लीवर) को आराम से चला सकें। कुछ कारों में स्टीयरिंग व्हील के लिए रैक और रीच एडजस्टमेंट की सुविधा होती है। गाड़ी चलाने से पहले मिरर को एडजस्ट करें।
4. यातायात नियमों का पालन करें
नए ड्राइवरों को दुर्घटनाओं को रोकने और जुर्माने से बचने के लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। सुरक्षित गाड़ी चलाने के लिए सबसे पहले गाड़ी को संभालना सीखना जरूरी है। पहले जहां स्टीयरिंग व्हील को 10 और 2 बजे की पकड़ की सलाह दी जाती थी, वहीं अब एयरबैग वाली गाड़ियों के लिए 9 और 3 बजे की पकड़ को बेहतर माना जाता है। धीमी गति से गाड़ी चलाने की आदत डालें। इससे कम गति पर गाड़ी चलाने का अनुभव होगा जो तेज रफ्तार में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए जरूरी है। सड़क पर दूसरी गाड़ियों के साथ संवाद के लिए टर्न सिग्नल और हॉर्न का इस्तेमाल करें। लेन बदलते समय या मुड़ते समय इनका इस्तेमाल करने से सड़क पर सुरक्षा बनी रहती है। आगे चल रही गाड़ी से सुरक्षित दूरी (कम से कम दो गाड़ी की लंबाई) बनाए रखें। इससे अचानक ब्रेक लगाने या गाड़ी के मोड़ लेने पर संभालने का समय मिलता है।
5. रोजाना प्रैक्टिस करना बेहद जरूरी
गाड़ी को संभालना सीखने में समय और अभ्यास लगता है। शुरुआत में स्टीयरिंग और एक्सेलेरेटर को धीरे से चलाना सीखें। तेज़ झटके गाड़ी पर से नियंत्रण खोने का कारण बन सकते हैं। याद रखें, हर कोई सीखता है – कोई भी ड्राइवर शुरू से पूर्ण नहीं होता है। अनुभव के साथ सतर्क और आत्मविश्वासी बने रहें। सड़क पर सुरक्षित रूप से चलने के लिए फोकस बनाए रखना बहुत जरूरी है। तनाव या परेशानी में गाड़ी न चलाएं और गाड़ी चलाते समय पूरी तरह से आराम करें। सड़क पर सुरक्षित और आत्मविश्वास के साथ चलने के लिए धैर्य और फोकस जरूरी है।
(मंजू कुमारी)