Logo
Car Loan EMI: कई बार आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से लोग कार लोन की किस्तें समय पर नहीं चुका पाते हैं। यह एक गंभीर समस्या है और इसके कई नुकसान हो सकते हैं। 

Disadvantages Of Missing Car Loan EMI: कार फाइनैंस कराना आजकल आम बात हो गई है। जो लोग अपने निजी काम या अन्य उद्देश्यों के लिए कार लेना चाहते हैं, उनके लिए कुछ पैसे देकर कार फाइनैंस कराना तो आसान है, लेकिन असली समस्या तब खड़ी होती है, जब उन्हें हर महीने इसकी किस्त चुकानी होती है। लेकिन कई बार आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से लोग समय पर किस्तें नहीं चुका पाते हैं। यह एक गंभीर समस्या है और इसके कई नुकसान हो सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कार लोन की किस्त समय पर न चुकाने के 5 सबसे बड़े नुकसान क्या हो सकते हैं।

1) क्रेडिट स्कोर खराब होना:
 अगर आप कार लोन की किस्त समय पर नहीं चुकाते हैं तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को काफी प्रभावित करता है। खराब क्रेडिट स्कोर के कारण भविष्य में आपको अन्य लोन लेने में काफी दिक्कत हो सकती है, खास तौर पर होम लोन और पर्सनल लोन लेने में। इसके साथ ही खराब क्रेडिट स्कोर होने पर आपको भविष्य में अन्य लोन पर ज्यादा ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है।

2) कानूनी कार्रवाई:
 कार लोन की किस्त समय पर न चुकाने की सूरत में वसूली की कार्रवाई के अलावा बैंक या फाइनैंस कंपनी आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर सकती है। इस मामले में आपको कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है और जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

3) लोन रिकवरी: 
अगर आप लगातार कई महीने तक किस्तें नहीं चुकाते हैं तो बैंक या फाइनैंस कंपनी आपके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर सकती है। इसमें आपके घर या कार पर कब्जा करने जैसी कार्रवाई भी शामिल हो सकती है।

4) कार से हाथ धोना:
 अगर आप लंबे समय तक किस्तें नहीं चुकाते हैं तो बैंक या फाइनैंस कंपनी आपकी कार को जब्त कर सकती है और उसे बेच सकती है। इस तरह आप अपनी कार का मालिकाना हक खो देंगे।

5) मानसिक तनाव:
कार लोन की किस्तें न चुका पाने के कारण आपको काफी मानसिक तनाव हो सकता है। यह आपके पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ, दोनों को प्रभावित कर सकता है।

इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आपने अगर लोन लेकर कार ली है तो लोन की किस्तें समय पर चुकाना बहुत जरूरी है। अगर किसी कारणवश आप किस्तें नहीं चुका पा रहे हैं तो आपको बैंक या फाइनैंस कंपनी से बात करनी चाहिए और उन्हें अपनी स्थिति के बारे में बताना चाहिए। वे आपको कुछ समाधान सुझा सकते हैं, जैसे कि किस्तों की अवधि बढ़ाना या किस्तों की राशि कम करना।

(मंजू कुमारी)

5379487