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असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 31 दिसंबर 2023 तक 8.18 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न (ITRs) फाइल किए जा चुके हैं। जो पिछले बार से 9 फीसदी ज्यादा हैं। 

Income tax new regime benefits: इनकम टैक्स फाइलिंग सिस्टम में तीन साल पहले जोड़े गए न्यू टैक्स रिजीम (New tax regime) के अंतर्गत 60 फीसदी से अधिक रिटर्न फाइल हुए। इसमें 7 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स से छूट मिल रही है। जिसके चलते न्यू रिजीम करदाताओं के बीच पॉप्यूलर हो रहा है। आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 31 दिसंबर 2023 तक 8.18 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न (ITRs) फाइल किए गए। जो पिछले बार से 9 फीसदी ज्यादा हैं। इनमें से ज्यादातर टैक्सपेयर्स ने न्यू टैक्स रिजीम को चुना है, जो कि अब आईटीआर फाइलिंग के लिए डिफॉल्ट रिजीम है।

न्यू टैक्स रिजीम में और बदलाव संभव

न्यू टैक्स रिजीम 2020 में जोड़ा गया, फिर 2023 के बजट में इसमें कुछ बदलाव किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में टैक्सपेयर्स को न्यू टैक्स रिजीम का ऑप्शन चुनने का विकल्प दिया था। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो 60 फीसदी से अधिक करदाताओं ने न्यू इनकम टैक्स रिजीम को चुना। जो कि अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम है। न्यू टैक्स रिजीम में अधिकतम 15 लाख तक की आय पर न्यूनतम टैक्स दर का ऑफर मिलता है। जो कि पुराने रिजीम में सिर्फ 10 लाख ही है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2024 के बजट में नए टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए कुछ और बदलाव हो सकते हैं। 

न्यू टैक्स रिजीम में क्या हैं प्रावधान?
अब बेसिक छूट की लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई है। वहीं रिबेट के साथ आयकर छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रु. की गई है। साथ ही सैलरी और पेंशनर क्लास को 50 हजार की टैक्स छूट स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर मिलेगी। इस स्थिति में एक नौकरीपेशा को 7.5 लाख रुपए की आय पर कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। जबकि उसने सेक्शन 80सी के तहत कोई भी निवेश ना किया हो। 

न्यू टैक्स रिजीम 2023-24
आय    टैक्स दर

0 से 3 लाख    शून्य
3 से 6 लाख     5%
6 से 9 लाख     10 %
9 से 12 लाख     15 %
12 से 15 लाख     20 %

31 दिसंबर 2023 तक 8.18 करोड़ ITR फाइल हुए 
आयकर विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 31 दिसंबर 2023 तक 8.18 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न (ITRs) फाइल किए जा चुके हैं। जो पिछले बार से 9 फीसदी ज्यादा हैं। असेसमेंट ईयर 2022-23 में अप्रैल से दिसंबर तक 7.51 लाख आईटीआर भरे गए थे। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) के अनुसार, व्यक्तिगत इनकम टैक्स कलेक्शन में अप्रैल से नवंबर के बीच 29.4 फीसदी की शानदार ग्रोथ देखने को मिली है। अगर असेसमेंट ईयर 2022 (कोरोनाकाल) को छोड़ दिया जाए तो यह बीते 10 साल में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन सर्वाधिक है।

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