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Union Budget 2024: केंद्र सरकार बजट में मिडिल क्लास को कोई बड़ी राहत नहीं मिली। स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ाकर नौकरीपेशाओं को खुश करने की कोशिश।

Union Budget 2024: मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट में नौकरीपेशा यानी सैलरीड क्लास को मामूली राहत मिली। सरकार ने न्यू रिजीम (नई कर व्यवस्था) के टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। साथ ही इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट 25 हजार बढ़ाई गई, जो अब 75 हजार होगी। अब सैलरीड टैक्सपेयर्स को 7.75 लाख कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। जबकि ओल्ड रिजीम में सभी डिडक्शन के साथ टैक्स छूट की लिमिट पहले जैसी 5 लाख रुपए ही रहेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में आए अंतरिम बजट में डायरेक्ट या इनडायरेक्ट टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। पिछले पूर्ण बजट में न्यू टैक्स रिजीम का ऑप्शन देकर टैक्सपेयर्स के लिए नया टैक्स स्लैब लागू हुआ था।

इनकम टैक्स में आपको कितना फायदा? (न्यू रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ)

आपकी इनकम (रु.) अभी टैक्स (रु.) नया टैक्स (रु.) फायदा (रु.)
14 लाख 1,20,000 1,05,000 15,000
15 लाख 1,40,000 1,25,000 15,000
20 लाख 2,85,000 2,67,500 17,500

क्या है नया इनकम टैक्स स्लैब? 

इनकम न्यू टैक्स रिजीम ओल्ड टैक्स  रिजीम 
2.5 लाख रुपए तक 0% 0%
2.5 लाख से 3.00 लाख रु. 0% 5%
3 लाख से 5 लाख रु. 5% 5%
5 लाख से 7 लाख रु. 5% 20%
7 लाख से 10 लाख रु. 10% 20%
10 से 12 लाख 15% 30%
12 से 15 लाख  20% 30%
15 लाख से अधिक  30% 30%

टैक्स रिजीम के हिसाब से टैक्स छूट की लिमिट?

  • न्यू टैक्स रिजीम: सैलरीड के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार हुआ है। न्यू रिजीम में 3 लाख तक की आय कर पर कोई टैक्स नहीं है। अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपए है, तो सिर्फ 2 लाख रु. पर 5% के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी आपको 10 हजार रुपए टैक्स चुकाना पड़ सकता है। हालांकि, ये रिजीम चुनने पर सरकार 7.75 लाख तक की आय पर टैक्स को सेक्शन 87A के तहत माफ करती है।
  • पुरानी टैक्स रिजीम: मोदी सरकार ने फरवरी के अंतरिम बजट की तरह बजट में आम नागरिकों को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। अगर कोई पुरानी टैक्स रिजीम चुनता है तो अब भी 2.5 लाख रुपए तक की आय ही टैक्स फ्री है। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत 5 लाख तक की आय पर टैक्स बचत की जा सकती है। 

अभी कितना मिल रहा है स्टैंडर्ड डिडक्शन? 
CA सौरभ टंडन के मुताबिक, वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट की लिमिट में थोड़ा बदलाव किया है। नई रिजीम में टैक्स छूट की सीमा 25 हजार बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए किया गया है। पीएफ स्कीम, पीपीएफ, इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम, सुकन्‍या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफ‍िकेट, 5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट, नेशनल पेंशन सिस्‍टम और सीनियर सिटीजन बचत योजनाएं सेक्शन 80C के दायरे में आती हैं। इसके अलावा टैक्स पेयर्स स्‍कूल फीस, होम लोन पेमेंट, इंश्‍योरेंस प्रीमियम में भी कर छूट का लाभ ले सकते हैं। NPS में निवेश करके (धारा 80CCD)के तहत अतिरिक्त ₹50,000 का कर लाभ लिया जा सकता है।

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