Budget 2025: केंद्रीय बजट सिर्फ एक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारत की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने वाला रोडमैप भी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को आठवीं बार देश का आम बजट पेश करेंगी। आइए उन आंकड़ों, उपलब्धियों और इतिहास पर नजर डालते हैं जो इसे महत्वपूर्ण बनाते हैं... 

अर्थव्यवस्था पर बजट का प्रभाव
भारत के केंद्रीय बजट देश की प्राथमिकताओं और चुनौतियों को दर्शाते हैं। आइए देखें कि वे किस प्रकार भारत की आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते आए हैं:

  • स्वतंत्रता के बाद का युग (1947-1970 के दशक)

प्रारंभिक वर्षों में बजट का फोकस आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने पर था, जिसमें उद्योगों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निवेश किया गया। 1947 में आर. के. शण्मुखम चेट्टी ने पहला बजट पेश किया, जिसमें ₹92.74 करोड़ रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया था, जो विभाजन के बाद की चुनौतियों का प्रतीक था।
 

  • उदारीकरण की क्रांति (1980-1990 के दशक)

1991 का बजट, जिसे तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रस्तुत किया था, भारत के आर्थिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है। इसने आर्थिक सुधारों को लागू किया, आयात शुल्क को कम किया और विदेशी निवेश के लिए अर्थव्यवस्था को खोला, जिससे भारत आर्थिक संकट से उबर सका।

  • समावेशी विकास (2000 के दशक)

इस अवधि के बजटों में ग्रामीण विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता दी गई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) जैसी योजनाएं शुरू की गईं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना था।

  • डिजिटल और हरित विकास की दिशा (2019-2024)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के तहत हाल के बजट डिजिटल अवसंरचना, हरित ऊर्जा और डिजिटल इंडिया एवं गति शक्ति मास्टर प्लान जैसी पहलों पर केंद्रित रहे हैं।

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बजट 2025: किन आंकड़ों पर रहेगी नजर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने आगामी बजट में इन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। 

  • राजकोषीय घाटा: पिछले बजट में इसे GDP का 4.9% निर्धारित किया गया था। सरकार इसे और नियंत्रित करने की दिशा में काम कर सकती है।
  • पूंजीगत व्यय: पिछले बजट में ₹11.11 लाख करोड़ का निवेश किया गया था। इस बार भी बुनियादी ढांचे पर अधिक निवेश की उम्मीद है।
  • स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च: महामारी के बाद, स्वास्थ्य ढांचे, मेडिकल रिसर्च और शिक्षा प्रौद्योगिकी के लिए अधिक बजट आवंटित हो सकता है।
  • हरित ऊर्जा पहल: नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और स्थायी कृषि के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन में वृद्धि की संभावना है।

रोचक तथ्य- क्या आप जानते हैं?

  • सबसे लंबा बजट भाषण: निर्मला सीतारमण ने 2020 में 2 घंटे 42 मिनट तक बजट भाषण दिया था।
  •  बजट समय में बदलाव: 1999 तक बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था, जिसे वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया।
  • पहला डिजिटल बजट: 2021 में निर्मला सीतारमण ने टैबलेट पर पहला पूरी तरह डिजिटल बजट पेश किया।
  • बजट की तारीख में बदलाव: 2017 में बजट पेश करने की तारीख को 1 फरवरी कर दिया गया ताकि नई योजनाओं को अप्रैल से लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

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बजट 2025 क्यों महत्वपूर्ण है?
बजट 2025 आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक तस्वीर को आकार देने की क्षमता रखता है। चाहे वह घरेलू करदाताओं के लिए राहत हो, व्यवसायों के लिए प्रोत्साहन हो, या स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश- इस बजट के फैसले लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे।

(मंजू कुमारी)