Haldiram's: भारत की मशहूर स्नैक्स कंपनी हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट ग्रुप द्वारा 8.5 बिलियन डॉलर (करीब 70 हजार करोड़ रुपए) की बोली लगाए जाने की खबर है। यह समूह नॉन बाइंडिंग बिड के जरिए स्नैक्स कंपनी में 76% हिस्सेदारी खरीदना चाहता है। बता दें कि हल्दीराम के स्नैक्स सिंगापुर से लेकर अमेरिका तक विदेशी मार्केट में धड़ल्ले से बिकते हैं। कंपनी की शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई थी। भारत में 6.2 बिलियन डॉलर के नमकीन स्नैक्स मार्केट में हल्दीराम की हिस्सेदारी करीब 13% है।
  
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बिड प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन की अगुआई में अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और जीआईसी सिंगापुर के कंटोर्टियम ने ऑफर की है। हालांकि, इस संबंध में हल्दीराम और कंटोर्टियम की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।

हल्दीराम सालों से भारत का लोकप्रिय फूड ब्रांड 
स्नैक्स बनाने वाली कंपनी हल्दीराम पर विदेशी निवेशकों की नजर है। पिछले साल भी देश के सबसे बड़े समूहों में से एक टाटा समूह ने हल्दीराम अधिग्रहण का लक्ष्य रखा था। यह कंपनी तले हुए स्नैक्स से लेकर लोकल मिष्ठानों तक कई प्रोडक्ट तैयार करती है। हल्दीराम लंबे वक्त से भारत में सबसे लोकप्रिय फूड ब्रांड्स में शुमार है। 

देश की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी डील होगी?
रिपोर्ट के अनुसार, अगर हल्दीराम (HSFPL) को लेकर यह डील फाइनल होती है तो यह देश में प्राइवेट इक्विटी की सबसे बड़ी डील होगी। यह अग्रवाल फैमिली के दिल्ली और नागपुर गुट की ज्वाइंट पैकेज्ड और स्नैक्स फूड बिजनेस है।

1937 में हुई थी शुरुआत, स्नैक मार्केट 13% दबदबा
एक रिपोर्ट की मानें तो भारत के 6.2 अरब डॉलर स्नैक मार्केट में हल्दीराम की हिस्सेदारी करीब 13% के आसपास है। पेप्सी का भी करीब इतना ही हिस्सा है। हल्दीराम की शुरुआत 1937 में राजस्थान के बीकानेर में एक छोटी सी दुकान से हुई। फिर 1983 में इसका विस्तार दिल्ली तक हो गया। मौजूदा समय में इसके स्नैक्स सिंगापुर और अमेरिका जैसे बाजारों में बिकते हैं। दुनियाभर में हल्दीराम के करीब 150 रेस्टोरेंट हैं।