Gautam Adani Arrest Warrant: गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिका में लगे रिश्वत और धोखाधड़ी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी समेत 6 लोगों के खिलाफ इस मामले में पिछले महीने न्यूयॉर्क की अदालत में गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, 31 अक्टूबर 2024 को जज रॉबर्ट एम लेवी ने इस वारंट को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।
बता दें कि अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने अडाणी और उनके साथियों पर 2,029 करोड़ रुपए (USD 265 मिलियन) की रिश्वत भारतीय सरकारी अधिकारियों को देने का आरोप लगाया है। यह रिश्वत सोलर पावर प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए दी गई थी।
विदेशी एजेंसियों के लिए खोले गए दस्तावेज
गौतम अडाणी और इस मामले के दूसरे आरोपियों के खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट पब्लिक किया जा चुका है। बीते महीने विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मदद करने के मकसद से गिरफ्तारी वारंट और चार्जशीट को पब्लिक किया गया। अमेरिकी अटॉर्नी ने न्यूयॉर्क (ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट) की कोर्ट में इसके लिए याचिका लगाई थी। अभियोजकों का कहना है कि अडाणी ग्रुप ने इस भ्रष्टाचार को अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से छिपाया और सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए अरबों डॉलर जुटाए।
2020-2024 के बीच अधिकारियों को दी गई रिश्वत
अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, अडाणी और उनके सहयोगियों ने 2020 से 2024 के बीच आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी। यह रिश्वत राज्य बिजली वितरण कंपनियों (State Discoms) के साथ सोलर पावर अनुबंध हासिल करने के लिए दी गई थी। इसके जरिए अडानी समूह ने अगले 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर से अधिक का मुनाफा कमाने की योजना बनाई थी।
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अडानी समूह ने आरापों पर क्या कहा?
अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मामले "बेसलेस" हैं। अडाणी ग्रुप ने कहा है कि हमारे चेयरमैन समेत ग्रुप के दूसरे लोगों पर अमेरिकी कोर्ट में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। इससे कानूनी तरीके से निपटा जाएगा। अडाणी ग्रुप ने कहा कि है कि हम हर स्तर पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे और सच को सामने लाएंगे।
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जानें, किस कॉन्ट्रैक्ट को लेकर है विवाद
पूरा विवाद अडाणी ग्रीन एनर्जी और एक दूसरी कंपनी एज्योर पावर के बीच 12 गीगावॉट सोलर एनर्जी की सप्लाई करने के कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है। कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के मुताबिक, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को इतनी बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा के लिए ग्राहक ढूंढने में दिक्कत हो रही थी। इस समस्या को हल करने के लिए अडानी समूह ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत ऑफर की और सौर ऊर्जा खरीद को मंजूरी देने वाले अफसरों को अपने पाले में करने की योजना बनाई।