Interim Budget 2024 Big Announcement: केंद्र सरकार चुनाव से पहले बजट 2024 में गरीब, किसान, युवा और महिलाओं से जुड़े अहम घोषणाएं कर सकती है। मोदी सरकार का फोकस किसानों की आय बढ़ाने पर रहा है। ऐसे में चुनावी साल में किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की पूरी संभावना दिख रही है। मिडिल क्लास को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में मामूली राहत मिल सकती है। इस साल आम चुनाव होने हैं, इसलिए यह अंतरिम बजट (Interim Budget) है। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही बड़े ऐलान नहीं होने के संकेत दे चुकी हैं।
बजट 2024 में 3 बड़े ऐलानों पर निटी निगाहें
1) क्या किसानों की सम्मान निधि बढ़ेगी?
- पीएम किसान सम्मान निधि में अभी किसानों को सालभर में 6 हजार रुपए की मदद भेजी जा रही है। इसे बढ़ाकर 8 हजार रु. किया जा सकता है। देशभर के छोटे किसानों को को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तों में राशि ट्रांसफर की जाती है। यही राशि महिला किसानों के लिए 12 हजार रु. तक बढ़ने की संभावना है।
2) क्या 80C के तहत टैक्स छूट की सीमा बढ़ेगी?
- वित्त मंत्री सीतारमण बजट में सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर सकती है। फिलहाल टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख रुपए है। पीएफ स्कीम, पीपीएफ, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, 5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट, नेशनल पेंशन सिस्टम और सीनियर सिटीजन बचत योजनाएं सेक्शन 80C के दायरे में आती हैं। इसके अलावा टैक्स पेयर्स स्कूल फीस, होम लोन पेमेंट, इंश्योरेंस प्रीमियम में भी कर छूट का लाभ ले सकते हैं।
3) क्या हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट डबल होगी?
- हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर सेक्शन 80D के तहत टैक्स छूट दोगुनी हो सकती है। फिलहाल, पति-पत्नी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर सालभर में 25 हजार रु. कर छूट का फायदा मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर 50 हजार किया जा सकता है। यह लिमिट परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़ने पर बढ़ जाती है।
पिछले अंतरिम बजट के बाद हुई थी कई घोषणाएं
साल 2019 में अंतरिम बजट के बाद पूर्ण बजट में सरकार ने कई लुभावने ऐलान किए गए थे। पीएम किसान सम्मान निधि योजना भी इसमें से एक थी। इसके तहत किसानों को हर साल 6000 रुपए की आर्थिक मदद ट्रांसफर की जाती है। दूसरी अहम घोषणा टैक्स स्लैब में बदलाव को लेकर थी।
क्या होता है अंतरिम बजट?
देश में आम चुनाव से पहले पेश किए जाने वाले बजट को अंतरिम बजट कहा जाता है। आमतौर पर इसमें कोई बड़ी घोषणाओं की उम्मीद नहीं होती है। यह सिर्फ लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) होगा और चुनाव होने तक सरकारी खर्चों को पूरा करने के प्रावधान इसमें शामिल होते हैं।