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Mandi Bhav: मूंगफली की बंपर पैदावार होने से 25 साल बाद मूंगफली तेल के दाम सोयातेल से नीचे है। इस साल मूंगफली की पैदावार 25 फीसदी अधिक हुई, जिसके असर से मूंगफली तेल के दाम सोया सहित दूसरे खाद्य तेलों से नीचे हैं।

Mandi Bhav: चालू सीजन में उत्पादक क्षेत्रों में मूंगफली की बंपर पैदावार होने से 25 साल बाद मूंगफली तेल के दाम सोयातेल से नीचे है। इस साल मूंगफली की पैदावार 25 फीसदी अधिक हुई, जिसके असर से मूंगफली तेल के दाम सोया सहित दूसरे खाद्य तेलों से नीचे हैं।

स्थानीय बाजार में तेल के भाव
स्थानीय तेल बाजार हनुमानगंज, जुमेराती के तेल ब्रोकर रमाकांत तिवारी ने बताया कि करीब ढाई दशक बाद ऐसा देखने में आ रहा है कि मूंगफली तेल के दाम सोयातेल सहित अन्य खाद्य तेलों से नीचे हैं। स्थानीय थोक तेल बाजार में मूंगफली तेल 15 किलो ग्राम 2350 रुपए में बिक रहा है जबकि सोयाबीन तेल 15 किलो ग्राम का जार 2380 रुपए के भाव पर बेचा जा रहा है।

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इसी प्रकार सरसों तेल (15 किलो का पीपा) 2500 रुपए में, सनफ्लावर ऑयल (15 लीटर) 2370 रुपए में, राइसब्रान ऑयल (15 किलो ग्राम) 2380 रुपए में और पाम तेल (15 किलो ग्राम) 2380 रुपए के भाव सौदे किए जा रहे हैं। अगर किलो की बात करें तो मूंगफली तेल 145 रुपए में, सोयातेल 155 रुपए में, सनफ्लावर ऑवल 160 रुपए में और पाम ऑयल 158 रुपए किलो के भाव है। 

कच्चे सूरजमुखी तेल का इंपोर्ट 3.40 लाख टन पर पहुंचा 
समीक्षाधीन अवधि में कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात 128.707 टन से बढ़कर 3,40,660 टन हो गया, जबकि कच्चे सोयीन तेल का आइत 149.894 टन से बढ़कर 407.648 टन हो गया। हालांकि कच्चे पान तेल का आयात पिछले महीने घटकर 5,47,309 एन रह गया, जो नवंबर 2023 में 6.90,423 टन था।

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पाम तेल का आयात घटा 
पाम तेल का आयात (कच्चा और रिप्फखंड सहित) पिछले महीने सालाना आधार पर 869.491 टन से घटकर 8.41993 टन रह गया। नवंबर 2023 में सॉफ्ट ऑयल का आयात 2,78,501 टन से बढ़कर 7,48,308 टन हो गया। पाम तेल की हिस्सेदारी 76 फीसदी से घटकर 53 फीसदी हो गई, जबकि 'सॉफ्ट ऑयल' की हिस्सेदारी 24 फीसदी से बढ़कर 47 फीसदी हो गई। सॉफ्ट ऑयल से अर्थ सोयाधीन तोल सूरजमुखी के बीज के तेल आदि से है। इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम ऑयल के प्रमुख सप्लायर्स है।

इंपोर्ट का दिख सकता है खाने के तेल के दाम पर असर
देश में खाने के तेल का इंपोर्ट इस पिछले डिस्ट्रीब्यूशन ईयर में तेजी से बढ़ा है और इसके चलते देश के इंपोर्ट बिल पर भी इसका असर देखा जा सकता है। भारत का एडिबल ऑयल आयात नवंबर में 38.5 फीसदी बढ़कर 15.9 लाख टन हो गया। इसकी मुख्य वजह सूरजमुखी तेल और कच्चे सेयाबीन तेल के आयात में तेज उछाल रहा।

सॉल्वेंट एक्सट्रट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी एसई ने गुरुवार को नवंबर के लिए वेजिटेबल ऑयल के इंपोर्ट के आंकड़े जारी किए। तेल विपणन वर्ष या ऑयल मार्केटिंग ईयर नवंबर से अक्टूबर तक होता है। आंकड़ों के मुताबिक ऑयल मार्केटिंग ईयर 2024-25 के पहले महीने नवंबर में वेजिटेचल ऑयल का इंपोर्ट सालाना आधार पर 11,60,500 टन की तुलना में 40 फीसदी बढ़कर 16,27,642 टन हो गया। 

एडिबल ऑयल कैटेगरी में आरबीडी पामोलिन ऑयल का भी इंपोर्ट बढ़ा 
कुल वेजिटेबल ऑयल आयात में से भारत ने नवंबर से 15.90.301 टन एडिबल ऑयल का आयात किया, जबकि पिछले साल इसी महीने में 11,48,092 टन का आयात हुआ था। अन्य तेलों का आयात नवंबर 2023 में 12.498 टन की तुलना में बढ़कर 37.341 टन हो गया। एडिवल ऑयल कैटेगरी में, नवबर 2024 में आरबीडी पामोलिन का आयात सालाना आधार पर 1,71,069 टन की तुलना में बढ़कर 284.537 टन हो गया।

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