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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपना पहला अंतरिम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने से जुड़े कई बड़े ऐलान किए।

Railway Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपना पहला अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश किया। इस दौरान उन्होंने रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने से जुड़े कई बड़े ऐलान किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए। इन पैसों से रेलवे तीन प्रमुख गलियारे बनाएगा। इससे रसद व्यवस्था सुचारू हो सकेगी। साथ ही अधिक यात्रा वाले रूट पर व्यवस्थाओं को बढ़ाया जाएगा। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए 40 हजार रेल डिब्बों को वंदेभारत की तर्ज पर बदला जाएगा।

जानिए इस बजट में रेलवे को क्या

  • वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि तीन प्रमुख रेल गलियारा बनेंगे। रसद व्यवस्था को सुचारू करेंगे। अधिक यात्रा वाले रूट पर व्यवस्थाएं बढ़ाएंगे। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए 40 हजार रेल डिब्बों को वंदेभारत की तर्ज पर बदला जाएगा। 
  • बहुविध मॉडलों वाली संपर्कता (कनेक्टिविटी) को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति के अंतर्गत इन परियोजनाओं की पहचान की गई है। इनसे रसद व्यवस्था संबंधी कार्यकुशलता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी। 
  • इसके परिणामस्वरूप, अधिक यातायात वाले गलियारों में भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार लाने में भी मदद मिलेगी और यात्री सुरक्षा एवं यात्रा की रफ्तार बढ़ेगी। 
  • डेडिकेटेड मालभाड़ा गलियारों के साथ-साथ इन तीन आर्थिक गलियारा कार्यक्रमों से हमारी जीडीपी की विकास दर बढ़ेगी तथा रसद व्यवस्था संबंधी लागत में भी कमी आएगी। 
  • यात्रियों की सुविधा, आराम और सुरक्षा बढ़ाने के लिए चालीस हजार सामान्य रेल डिब्बों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।

तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रम इस प्रकार क्रियान्वित किए जाएंगे
ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा
पत्तन संपर्कता गलियारा
अधिक यातायात वाले गलियारा 

पहले अलग पेश होता था रेल बजट
बता दें कि सरकार ने 2016 में रेलवे बजट को केंद्रीय बजट में विलय करने का फैसला किया, जब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए पहला संयुक्त बजट पेश किया। इससे पहले तक रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश होता था। नीति आयोग ने सरकार को दशकों पुराने (92 साल) पैटर्न को बदलने की सलाह दी थी। गौरतलब है कि भारत का पहला रेल बजट साल 1924 में पेश किया गया था। यह अलग रेल बजट था, क्योंकि इसके पहले रेल बजट को आम बजट के साथ प्रस्तुत किया जाता था। साल1920-21 में एकवर्थ कमेटी ने रेल बजट को अलग से पेश करने को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी थी।

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