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Secure Child's Future: सही समय पर शुरू किया गया सही निवेश हमेशा आपके बच्‍चे के भविष्‍य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने में मददगार होता है। अगर आप अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहते हैं तो प्लानिंग का सहारा जरूरी होता हो जाता है।

Secure Child's Future: हर मां अपने बच्चों के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है। लेकिन सिर्फ सोचने से काम नहीं होता है, इसके लिए कुछ व्यावहारिक और जरूरी कदम उठाने होते हैं। बच्चे की उच्च शिक्षा, उसके करियर की प्लानिंग और शादी-विवाह के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज है फाइनेंस। चूंकि हम में से ज्यादातर लोगों के पास आय के सीमित साधन होते हैं, इसलिए इंश्योरेंस और फाइनेंसियल प्लानिंग का सहारा लेना जरूरी हो जाता है।

यूजफुल इंश्योरेंस प्लान
बच्चों की हर उम्र की खास जरूरतों के लिए इंश्योरेंस के कई प्लान उपलब्ध हैं, बस उन्हें सही ढंग से समझने और चुनने की जरूरत है। इसके बहाने आप बच्चे की विभिन्न जरूरतों के लिए अनुशासित रूप से कुछ रकम प्रीमियम के रूप में जमा करते हुए समय पर अच्छी-खासी वित्तीय मदद हासिल कर सकती हैं।

जल्द शुरुआत करें
ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियों में आपको ऐसे प्लान मिल जाएंगे, जो बच्चों के 18 वर्ष पूरे होने पर या 18 के बाद कुछ-कुछ अंतराल पर फंड की खास रकम इश्यू करते रहते हैं। ये दीर्घावधि प्लान आपको सिस्टेमैटिक रूप से पैसा इकट्ठा करने और जरूरत पर उनकी उपलब्धि का मौका देते हैं। इसलिए किसी भरोसेमंद फाइनेंसियल प्लानर या इंश्योरेंस एडवाइजर से मिलकर बच्चे के जन्म के कुछ ही महीनों के भीतर ऐसा इंश्योरेंस प्लान ले लें।

प्रीमियम वेवर वाला प्लान चुनें
अनहोनी कह कर नहीं आती। घर के अर्नर की मृत्यु के कारण कई बार ऐसी अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जब प्रीमियम भरना नामुमकिन सा हो जाता है। ऐसे में प्रीमियम वेवर बेनिफिट वाला इश्योरेंस प्लान मददगार साबित होता है। इसका मतलब है कि पैरेंट की मृत्यु के बाद प्रीमियम नहीं भरना पड़ता, लेकिन मैच्योरिटी तक बच्चे को अपेक्षित फायदा मिलना जारी रहता है। इससे बच्चे की पढ़ाई-लिखाई या अन्य जरूरतों के लिए पैसे मिलते रहते हैं।

रिस्क कवर का भी ध्यान रखें
इंश्योरेंस प्लान चुनते वक्त इंवेस्टमेंट ऑप्शन के साथ-साथ समुचित रिस्क कवर भी मिल सके, इस तरह का प्लान चुनें। अपने एडवाइजर से ऐसे प्लान के बारे में पूछें, जो आपको रकम की सुरक्षा और ग्रोथ साथ-साथ मुहैया करवाए। इतना ही नहीं प्लान ऐसा भी हो कि कमाने वाले पैरेंट की मृत्यु की स्थिति में बच्चे को एक मुश्त रकम भी मिल सके ताकि वह अचानक पैसों का मोहताज ना हो जाए। ध्यान रहे, यह रिस्क कवर वार्षिक प्रीमियम का कम से कम 20 गुना जरूर हो, वरना कोई खास फायदा नहीं होता।

प्रोडक्ट का कॉस्ट समझें
हर इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी ब्रोशर में प्रीमियम की रकम, अपेक्षित फायदों और शर्तों के बारे में साफ-साफ लिख देती है। आप चाहें तो इंटरनेट पर भी इनका तुलनात्मक अध्ययन कर सकती हैं। बीमा कंपनी वही चुनें, जिसकी मार्केट रेपुटेशन और क्लेम का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हो।

(वित्तीय सलाहकार, सीए नेहा जैन से बातचीत पर आधारित)

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