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जनवरी के पहले हफ्ते में ऑटो सेल्स, एफओएमसी मिनट्स, पीएमआई डेटा समेत इन वजहों से शेयर बाजार की दिशा तय होगी।

Stock Market 2024: 2023 के अंतिम दिन शेयर बाजार पाजिटिव नोट पर बंद हुए। 2023 के आखिरी सप्ताह में दो दिन की गिरावट के बाद शेयर बाजार में पूरे सप्ताह तेजी देखने को मिली थी। इस हफ्ते में सेंसेक्स, निफ्टी और बैंक निफ्टी ने ऑलटाइम हाई का नया रिकॉर्ड बना डाला। इस दिन निफ्टी मिड-कैप में 2.4 फीसदी और निफ्टी स्माल कैप में 2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली। अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स में भी तेजी में बंद हुए। शेयर बाजार के अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय ओवर आल सेंटीमेंट बुलिश हैं। पिछले सप्ताह दो दिन की गिरावट प्राफिट बुकिंग की वजह से देखने को मिली थी। अनेक अनुकूल स्थिति की वजह से साल के पहले दिन तेजी का मौजूदा सिलसिला जारी रहने वाला है।

तेजी को प्रोत्साहित करेंगे अनुकूल संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार अनुकूल वैश्विक संकेतों, एफपीआई की बढ़ती भागीदारी, कच्चे तेल में गिरावट, नए साल में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती का अनुमान, आर्थिक विकास दर उम्मीद से बेहतर रहने और  राजनीतिक स्थितरता ऐसी वजहें जिनके आधार पर माना जा सकता है कि तेजी का वर्तमान दौर नए साल में भी जारी रहने वाला है। इन्हीं सब अनुकूलताओं की वजह से 29 दिसंबर को खत्म सप्ताह में नेशनल स्टाक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला बेंचमार्क निफ्टी 382 अंक बढ़ोतरी के साथ 21,801.45 के रिकार्ड स्तर पर जा पहुंचा। उधर, बीएसई के सेंसेक्स ने 72,417.0 अंक का नया आल टाइम बना डाला। निफ्टी ने इस साल 20 फीसदी और सेंसेक्स ने 19 फीसदी बढ़ोतरी की है।

इन वजहों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा
पिछले सप्ताह निफ्टी मिडकैप सूचकांक में सप्ताह 2.4 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली। पूरे साल के आधार पर देखें, तो मिडकैप इंडेक्स क्रमश: ने 47 प्रतिशत और स्माल कैप ने इंडेक्स ने 55 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है। माना जा रहा है कि फिलहाल जो स्थिति है, उसके विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि शेयर बाजार में जारी तेजी का मौजूदा दौर आगे भी जारी रहने वाला है। शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ये कुछ वजहें हैं, जो अगले दिनों में शेयर बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाने वाली हैं। नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी को ऑटोमोबाइल कंपनियां 2023 के दिसंबर माह की बिक्री के आंकड़े जारी करने वाली हैं। इनके नतीजे ऑटो स्टॉक पर असर डाल सकते हैं। दिसंबर के लिए एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज पीएमआई डेटा अगले सप्ताह 3 जनवरी और 5 जनवरी को जारी होने वाले हैं। इसके बाद 5 जनवरी को आरबीआई 29 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़े जारी करेगा।

कच्चे तेल में गिरावट सकारात्मक संकेत
अगले साल के पहले सप्ताह में सभी की निगाहें दिसंबर 2023 में आयोजित फेडरल रिजर्व की बैठक के एफओएमसी मिनट्स पर रहने वाली हैं। दिसंबर की बैठक में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। माना जा रहा है फेडरल रिजर्व आगे भी अपनी उदार नीतियों को आगे बढ़ाएगा।

इसके साथ ही, वैश्विक निवेशकों की नजर विकसित देशों के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई आंकड़ों पर भी रहने वाली है। अमेरिकी बेरोजगारी दर, नॉन-फार्म पेरोल जैसे आंकड़ों पर निवेशकों की नजर रहेगी। शेयर बाजार की दिशा तय करने में कच्चे तेल की कीमतें भी अहम भूमिका निभाने वाली हैं। हाल के दिनों में लाल सागर मार्ग से कच्चे तेल का आवागमन प्रभावित होने की वजह से कच्चे तेल के मूल्य में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। लाल सागर में परिवहन सामान्य होने लगा है। इसकी वजह से कच्चे तेल के दामों में हाल के दिनों में गिरावट देखने को मिल रही है। यह एक सकारात्मक संकेत है। कच्चे तेल की दरें गिरने का भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिहाज से बेहद सकारात्मक संकेत है। कच्चे तेल की कीमतें गिरने का मतलब है कि राजकोषीय दबाव कम होगा। इसका असर सभी सेक्टर्स में देखने को मिलेगा।

तेजी का नेतृत्व करेंगे विदेशी निवेशक
भारतीय शेयर बाजार तेजी और गिरावट में सबसे बड़ा योगदान विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का होता है। एफआईआई ने दिसंबर में लगभग 32,000 करोड़ रुपये का भारतीय शेयर बाजार में निवेश किया है। यह फरवरी 2021 के बाद की सबसे बड़ी मासिक खरीदारी है। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का निवेश भी लगातार बढ़ रहा है। डीआईआई ने दिसंबर माह में 12,900 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एफआईआई और डीआईआई ने बाजार को रिकॉर्ड ऊंचाई दर्ज करने और माह के दौरान 8 फीसदी लाभ हासिल करने में सहायता की। 
2024 में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों की वजह से पिछले दो महीनों में 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड, 4.9 प्रतिशत से गिरकर 3.8 प्रतिशत पर आ गई है। यही वजह है विदेशी निवेशकों ने बड़ी मात्रा में भारतीय बाजार में पैसा लगाया है। एफआईआई की गतिविधियों की वजह से ही शेयर बाजार में तेजी जारी है। माना जा रहा है कि अनेक अनुकूल संकेतों की वजह से एफआईआई अभी कुछ समय तक बाजार में बने रहने वाले हैं। इससे इस धारणा को बल मिला है कि शेयर बाजार की मौजूदा तेजी अगले साल भी जारी रहने वाली है।

नए साल के पहले हफ्ते में प्राइमरी मार्केट में रहेगी सुस्ती
नए साल के शुरुआती सप्ताह में कोई नया आईपीओ नहीं आ रहा है। इसका मतलब है कि नए साल के पहले हफ्ते में प्राथमिक बाजार में शांति रहने वाली है। हालांकि पहले से बिक्री के लिए उपलब्ध दो आईपीओ से सी एनर्जी एंड इंफ्रा और कौशल्या लॉजिस्टिक्स लिमिटेड में नए साल के पहले सप्ताह में निवेश किया जा सकता है। दोनों आईपीओ क्रमश: 2 और 3 जनवरी को बंद होंगे। इसके साथ ही नए साल के पहले सप्ताह में 7 एसएमई कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली हैं। निफ्टी50 में करेक्शन के बाद फिर से मजबूती देखने को मिल रही है। इसने वीकली स्केल पर एक बुलिश कैंडलिस्टिक पैटर्न बनाया है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स आरएसआई और एमएसीडी पॉजिटिव संकेत दे रहा है। शेयर बाजार में पिछले सप्ताह की बेहिसाब तेजी को देखने हुए सोमवार से शुरू होने वाले सप्ताह में कुछ करेक्शन देखने को मिल सकता है। इस दौरान सावधानी से निवेश करने की जरूरत है। अधिकांश विशेषज्ञों के अनुसार निफ्टी के 21,800 से लेकर 22,000 के जोन में प्रवेश करने की पूरी संभावना है। इस दौरान 21,600 से 21,300 के क्षेत्र को सपोर्ट के रूप में देखा जा सकता है।

(डिस्क्लेमरः शेयर बाजार अत्यन्त जोखिम वाला क्षेत्र है। यह विश्लेषण विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित है। निवेशकों को सलाह है कि वे शेयर बाजार से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी सर्टिफाइड़ एनालिस्ट की सलाह जरूर लें।)

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