Tesla in India: अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भारत में आने की तैयारी कर चुकी है। जल्द ही टेस्ला के सीईओ और उनके वरिष्ठ अधिकारी निवेश संभावनाओं पर चर्चा के लिए भारत दौरे पर आने वाले हैं। टेस्ला अपनी इलेक्ट्रिक कार के प्रोडक्शन के लिए भारत में EV मैन्यूफ्रैक्चरिंग प्लांट सेटअप करना चाहती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए गुजरात और महाराष्ट्र की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है, लेकिन इस होड़ में अब दक्षिणी राज्य तमिलनाडु भी शामिल हो गया है। दूसरी ओर, घरेलू साझेदार के तौर पर टेस्ला के रिलायंस इंस्ट्रीज से हाथ मिलाने की भी चर्चा है। टेस्ला प्रोडक्शन प्लांट के लिए साइट सर्च में जुटी है और एलन मस्क 22 अप्रैल को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।
तमिलनाडु को EV कैपिटल बनाने का लक्ष्य: मंत्री
राज्य के उद्योग मंत्री टी.आर.बी. राजा ने कहा कि तमिलनाडु सभी ग्लोबल कार कंपनियों से इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफ्रैक्चरिंग के अवसरों के लिए प्रयास करेगा। चेन्नई पहले ही ऑटो सेक्टर का हब है। ऐसे में अमेरिकी कंपनी को यहां प्लांट विकसित करने पर विचार करना चाहिए। हम भी इसके लिए वार्ता का प्रयास करेंगे। तमिलनाडु को ऑटोमेकिंग कौशल के लिए भारत का डेट्रॉइट कहा जाता है। यहां सबसे बेहतर इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी और इकोसिस्टम है। चेन्नई में पहले ही निसान मोटर कंपनी, रेनॉल्ट एसए, हुंडई मोटर कंपनी और बीएमडब्ल्यू एजी के प्लांट शुरू हो चुके हैं। राजा ने कहा कि तमिलनाडु पहले से ही देश की ऑटोमोटिव राजधानी है। अब हम राज्य को ईवी राजधानी भी बनाने का टारगेट रखेंगे।
टेस्ला को भारत में ईवी को लेकर संभावनाएं दिखीं
बता दें कि टेस्ला भारत में ईवी प्लांट शुरू करने पर विचार कर रहा है। भारत में टेस्ला ईवी के प्रोडक्शन के लिए एलन मस्क को एक स्थानीय भागीदार या कंपनी की तलाश है। द हिंदू बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला भारत में मैन्यूफ्रैक्चरिंग में सहयोग के लिए रिलायंस के साथ एक ज्वाइंट वेंचर लाने की संभावना पर विचार कर रही है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक है। जो अपनी अर्थव्यवस्था को कार्बन फ्री करने और 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में टेस्ला भारत में ईवी सेक्टर के विकास में बड़ी संभावनाएं देख रही है। (ये भी पढ़ें... भारत में टेस्ला की एंट्री पर क्या बोले एलन मस्क)
सरकार की नई EV पॉलिसी की क्या हैं शर्तें?
भारत सरकार ने मार्च में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पॉलिसी को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य देश में ईवी के लिए ग्लोबल मैन्यूफ्रैक्चरिंग हब के रूप में बढ़ावा देना है। इस पॉलिसी के मुताबिक, किसी कंपनी को यहां आकर काम शुरू करने के लिए कम से कम 4,150 करोड़ रुपए ($500 मिलियन) का निवेश करना जरूरी है। इसके अलावा भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने, ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करने और पांच साल के भीतर 50 प्रतिशत घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) हासिल करने के लिए अधिकतम तीन साल की समयसीमा निर्धारित की गई है। अगर निवेश रकम 800 मिलियन डॉलर या अधिक है, तो सालाना लिमिट 8,000 व्हीकल से ज्यादा के साथ अधिकतम 40,000 ईवी निर्माण की मंजूरी मिलेगी।