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Stock Market: गुरुवार को निफ्टी मेटल, निफ्टी फार्मा, निफ्टी ऑटो, निफ्टी आईटी और निफ्टी प्राइवेट बैंक समेत सभी सेक्टरों में सेलिंग प्रेशर नजर आया। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.50% की गिरावट आई।

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार (7 नवंबर) को बड़ी गिरावट देखी गई, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 1% से अधिक की गिरावट आई। इस चौतरफा बिकवाली के चलते बाजार में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई। आज सुबह 10.35 बजे प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स Sensex 876.39 अंक (1.09%) गिरकर 79,501.74 पर और निफ्टी 301 अंक (1.23%) गिरकर 24,183 पर ट्रेड करता नजर आया। शुरुआती सेशन में सेंसेक्स ने 959 अंकों की गिरावट के साथ 79,419 का लोअल लेवल भी छुआ।

अपोलो हॉस्पिटल्स समेत सिर्फ 3 शेयर फायदे में 

  • स्टॉक मार्केट के सभी सेक्टरों में सेलिंग प्रेशर देखा गया, जिसमें निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक में 0.50% की गिरावट आई। सेक्टोरल इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट निफ्टी मेटल, निफ्टी फार्मा, निफ्टी ऑटो, निफ्टी आईटी और निफ्टी प्राइवेट बैंक में नजर आई।
  • निफ्टी 50 के शेयरों में सिर्फ अपोलो हॉस्पिटल्स, टाटा स्टील और एचडीएफसी लाइफ ही ग्रीन निशान में कारोबार करते दिखे। जबकि अन्य सभी स्टॉक्स लाल निशान में ट्रेड हो रहे थे। हिन्डाल्को इंडस्ट्रीज, अडाणी एंटरप्राइजेज, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व और अल्ट्राटेक सीमेंट निफ्टी 50 के टॉप लूजर शेयरों में शामिल हैं। 

जानिए शेयर बाजार में गिरावट की 5 बड़ी वजह... 

1) मुनाफा वसूली
पिछले 2 दिनों की तेजी के बाद निवेशकों ने भारतीय बाजार में मुनाफा वसूली शुरू कर दी। निफ्टी 50 में पिछले दो सेशन में 2% से ज्यादा की बढ़त देखी गई थी, जिसके बाद निवेशकों ने प्रॉफिट बुक करना शुरू कर दिया, जिससे बाजार में गिरावट आई।

2) डोनाल्ड ट्रंप की जीत का असर
2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता बढ़ गई है। उनके ‘अमेरिका फर्स्ट’ और इंपोर्ट पर टैक्स लगाने की पॉलिसी से मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़ सकती है, जिससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की इंटरेस्ट रेट पॉलिसी पर असर पड़ सकता है। इससे वैश्विक बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।

3) ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें
फेडरल रिजर्व शुक्रवार (7 नवंबर) को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है। प्रेसिडेंट ट्रंप की मुद्रास्फीति बढ़ाने वाली नीतियों के कारण ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो सकती है, और केवल 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की उम्मीद की जा रही है। इससे बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है, खासकर जब अन्य केंद्रीय बैंक भी अपने नीतिगत फैसलों का री-वैल्यूएशन कर रहे हैं।

4) टेक्निकल लेवल
निफ्टी 50 का 24,500 लेवल क्रॉस करने में असफल रहना बाजार के लिए निगेटिव सिग्नल है। 24,400 का सपोर्ट लेवल अहम है और इसके नीचे बंद होने पर गिरावट और तेज हो सकती है। प्रमुख सपोर्ट लेवल 24,309 और 24,204 हैं, जिनके नीचे जाने पर बाजार में और गिरावट आ सकती है।

5) विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली
नवंबर में FIIs ने बड़े पैमाने पर भारतीय शेयर बेचे हैं, जिससे स्टॉक मार्केट पर दबाव बढ़ा है। अक्टूबर में भी बड़ी बिकवाली देखी गई थी। बुधवार को FIIs ने 4,445 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 4,889 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की।

इन सभी प्रमुख कारणों से भारतीय शेयर बाजार में सतर्कता और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। निवेशक फेडरल रिजर्व की दरों पर फैसले और निफ्टी 50 के सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।

(Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है, निवेशक किसी भी स्टॉक में पैसा लगाने से पहले मार्केट एक्सपर्ट्स से सलाह अवश्य लें)  

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