सचिन सिंह बैस, भोपाल: भारतीय चिकित्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग नई दिल्ली ने मध्य प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी मेडिकल कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश है कि इनेबिल्ड बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (एईबीएएस) स्थापित नहीं किया गया तो शैक्षणिक सत्र 2025-26 की मान्यता रोक दी जाएगी। अभी तक कुल 367 रजिस्टर्ड ऑर्गनाइजेशन पर 179 सक्रिय डिवाइस दर्ज की गई। 

एनसीआईएसएम नई दिल्ली के प्रेसीडेंट डॉ रघुराम भट्ट ने समस्त आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी मेडिकल कॉलेजों को 18 फरवरी तक एईबीएएस यानी आधार सक्षम बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। अभी केवल 179 संस्थान ने ही सक्रियता दिखाई है। एईबीएएस सिस्टम स्थापित नहीं करने वाले कॉलेजों पर मान्यता रोके जाने की तलवार लटकी रहेगी। एईबीएएस उपस्थिति प्रणाली की सक्रियता से टीचिंग व चिकित्सकीय व्यवस्था में लापरवाही पर एनसीआईएसएम अंकुश लगा सकेगा। डॉक्टर्स की ज्यादा उपस्थिति से छात्र व मरीज दोनों को लाभ मिलेगा।

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एनसीआईएसएम दिल्ली से होगी मॉनिटरिंग दर्ज होगी उपस्थिति
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी एएसयू मेडिकल कॉलेज संचालित हैं जिनमें लगभग 19 हजार से ज्यादा टीचर्स स्टॉफ कार्यरत है। जैसे ही एईबीएएस सिस्टम सक्रिय होगा तो नियमित टीचिंग व अन्य स्टॉफ की उपस्थिति एनसीआईएसएम नई दिल्ली में बैठकर देख सकेगी यानी सीधे तौर पर दिल्ली में बैठकर देशभर के एएसयू कॉलेजों पर नजर रख सकेगी।