Bihar Sakshamta Pariksha: बिहार के नियोजित शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति (Bihar Teacher Bharti) से संबंधित राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को अपना निर्णय सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इसे लेकर आंशिक स्वीकृति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश के.विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने प्रमोद कुमार यादव एवं अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर चार मुख्य बिंदुओं पर निर्णय सुनाया।
पटना हाईकोर्ट के फैसले के प्रमुख बिंदु
- हाईकोर्ट ने राज्य में कार्यरत स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा (Sakshamta Pariksha) को सही ठहराया।
- हाईकोर्ट ने नई शिक्षक नियमावली के रूल (Rules Of New Teacher Manual) चार को निरस्त कर दिया, जिसके तहत सभी शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
- हाईकोर्ट ने बिहार राज्य शैक्षिक संस्थागत शिक्षक और कर्मचारी (शिकायत निवारण और अपील नियमावली 2020) के रूल 12 को भी निरस्त कर दिया।
- हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति व एसीपी संबंधित प्रविधान बनाने के लिए सरकार को निर्देशित किया है।
सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए मिलेंगे पांच मौके
बिहार शिक्षा विभाग ने कहा था कि शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए पांच मौके दिये जाएंगे। परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद स्कूल में योगदान की तिथि से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा। राज्य कर्मी का दर्जा मिलते ही बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त शिक्षकों की तर्ज पर इन्हें सुविधाएं मिलने लगेंगी।