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जल्द ही सीबीएसई और अन्य स्टेट बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इस दौरान आप टेंशन फ्री होकर कैसे अच्छी तैयारी कर सकते हैं? आपके लिए यूजफुल सजेशंस।

Exam Preparation Tips: एग्जाम टाइम आते ही स्टूडेंट्स की रात की नींद और दिन का चैन उड़ जाता है। दिल की धड़कन और दिमाग का तनाव बढ़ जाता है। चिकित्सकीय भाषा में इस बेचैनी भरी स्थिति को एग्जाम स्ट्रेस या एंग्जायटी कहते हैं। इससे उबरने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

चुनौती समझकर स्वीकार करें
इस सच को स्वीकार करें कि आपको एग्जाम देना ही होगा। यह प्रगति के लिए जरूरी स्टेप है। इससे घबराने या दूर भागने से कुछ नहीं होगा। परीक्षाओं को सिर्फ बाधाओं के रूप में देखना बंद करें और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर या चुनौती के रूप में देखें। आपके प्रयास, आपके लचीलेपन, सीखने और विकसित होने की आपकी क्षमता से आपकी सफलता निर्धारित होती है, न कि चिंता या पलायन से।

खुद पर ध्यान दें
इस बात का तनाव न लें कि आपके दूसरे सहपाठी परीक्षा की तैयारी कैसे कर रहे हैं? इस बात पर ध्यान दें कि आप क्या कर रहे हैं और क्या बेहतर कर सकते हैं? हो सकता है कि आपको लगे कि दूसरे सहपाठी बहुत बढ़िया कर रहे हैं, आपसे ज्यादा रिवीजन कर रहे हैं या फिर बड़े आराम से पढ़ रहे हैं। लेकिन ऐसा होता नहीं है, इसलिए बेहतर है कि आप अपने पर ज्यादा ध्यान दें।

बी पॉजिटिव
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए खुद को उत्साहित और प्रेरित करें। सुबह जरा जल्दी उठें ताकि आपके पास पढ़ने के लिए पर्याप्त समय हो। परीक्षा की चिंता अकसर तब होती है, जब आप तैयार नहीं होते हैं। खुद को ठोस तैयारी के साथ प्रिपेयर करके उस तनाव को दूर भगाएं। चिंताजनक विचारों या नकारात्मक विचारों जैसे कि ‘मैं असफल हो जाऊंगा’ या ‘मैं यह नहीं कर सकता’ का मुकाबला सकारात्मक विचारों या उत्साहवर्धक कथनों जैसे कि ‘मैंने यह कर लिया’ या ‘मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा, मुझे अपना काम पता है’ से करें। इन उत्साहवर्धक वाक्यों को लिखें और उन्हें अपने स्टडी एरिया के चारों ओर चिपका दें।

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प्लानिंग से करें पढ़ाई
अपने पाठ्यक्रम को कुछ छोटे-छोटे भागों में विभाजित करें और एक स्टडी प्लान बनाएं, जो संतुलित हो। उस शेड्यूल पर पूरी मजबूती से टिके रहें। हर रोज पढ़ने का व्यवस्थित और व्यावहारिक रुटीन और संतुलित लक्ष्य तैयार करें और इसका पूरी शिद्दत के साथ पालन करें। एक ही स्थान पर पढ़ने से बोरियत होती हो तो कभी अपने मकान की छत पर या एक से दूसरे कमरे में पढ़ने की जगह बदलते रहें। एक बार में एक ही चैप्टर या विषय ढंग से पढ़ें। अगर आपको लगता है कि आपकी योजना सही नहीं है, तो इसमें बदलाव करें। आपकी योजना, आपकी क्षमता तैयारी को नियंत्रित्र करने में मददगार होनी चाहिए, न कि आपको थकाने वाली। रिवीजन को अपनी रुटीन का हिस्सा जरूर बनाएं।

आराम भी है जरूरी
रात को आराम से सोएं और रोज सात-आठ घंटे की नींद जरूर लें। इससे ब्रेन को आराम मिलेगा और वह नई चीजें याद रखने के लिए तैयार होगा। ज्यादा देर तक पढ़ना महत्वपूर्ण नहीं, सही ढंग से पढ़ना जरूरी है। इस बात को सझें कि अगर आप विषय को समझ या ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं तो चाहे जितनी देर किताब लेकर बैठें, कोई फायदा नहीं होगा।

माइंड को रखें फ्रेश
माइंड फ्रेश रखने के लिए डीप ब्रीदिंग करें। मेडिटेशन करें। चाहें तो भजन या बीच-बीच में एकाध मन पसंद गाने सुनें और भाई-बहनों या मित्रों के साथ हल्की गपशप और मजाक भी करें, इससे आपका माइंड फ्रेश रहेगा। अगर आपको लगता है कि आप अभी भी बहुत ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हैं, तो किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें, जिस पर आप भरोसा करते हों। चाहे वह माता-पिता, शिक्षक, मेंटर या मित्र हो। कभी-कभी सिर्फ चीजों के बारे में बात करने से ही आपको बेहतर महसूस हो सकता है और जिस व्यक्ति से आप बात करते हैं, वह आपको चीजों को सही नजरिए से देखने में मदद कर सकता है।

एडवाइस: शिखर चंद जैन

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