MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य के सभी निजी स्कूलों को 31 मार्च तक अपनी फीस संरचना और पाठ्यक्रम संबंधी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इसके अलावा, अभिभावकों को किसी विशेष दुकान से किताबें, यूनिफॉर्म या अन्य सामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई स्कूल इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सार्वजनिक करनी होगी जानकारी
स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि सभी निजी स्कूलों को अपनी फीस संरचना और पाठ्यपुस्तकों की सूची को सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा। इसमें किताबों के लेखक, प्रकाशक और मूल्य की जानकारी भी देनी होगी, ताकि अभिभावक इन्हें खुले बाजार से अपनी सुविधा अनुसार खरीद सकें। इस फैसले से अभिभावकों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब वे किताबें और अन्य शैक्षणिक सामग्री महंगे दामों पर खरीदने के लिए मजबूर नहीं होंगे।
डीईओ को दी गई निगरानी की जिम्मेदारी
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि सभी स्कूल 31 मार्च तक अपनी फीस और किताबों की सूची अपने सूचना पटल (नोटिस बोर्ड) पर प्रदर्शित करें। अगर कोई स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
NCERT की किताबें अनिवार्य
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक अनिवार्य रूप से NCERT की किताबें पढ़ाई जाएंगी। अगर कोई स्कूल इसका पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।