UGC NET June Re Exam 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नेट जून परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान कर दिया है। परीक्षा अगस्त में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही, परीक्षा के मोड में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। कथित पेपर लीक या गड़बड़ियों के शक में शिक्षा मंत्रालय ने इसे आयोजित होने के अगले दिन ही कैंसिल कर दिया था।
21 अगस्त से 4 सितंबर 2024 के बीच होगी परीक्षा
UGC-NET री-एग्जाम 21 अगस्त से 4 सितंबर 2024 के बीच होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की यूजीसी-नेट परीक्षा इस साल कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में आयोजित होगी, जो पहले पेन और पेपर मॉडल से ली जाती रही है।
National Testing Agency (NTA) announces new dates for exams that were postponed earlier
— ANI (@ANI) June 28, 2024
NCET 2024 exam to be conducted on July 10
Joint CSIR UGC NET to be conducted from 25 -27th July
UGC NET June 2024 Cycle to be held between August 21 and September 4 pic.twitter.com/NIIsbgShfN
सीबीटी मोड में होगी परीक्षा
UGC NET की पुनर्परीक्षा ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) के रूप में आयोजित की जाएगी। एनटीए ने कहा कि यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा पहले पेन और पेपर (ऑफ़लाइन) मोड में आयोजित की गई थी। हालांकि, अब यह कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाएगी।
UGC NET परीक्षा में हुआ था बदलाव
पिछली बार तक, NTA ने असिस्टेंट प्रोफेसरशिप, जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और पीएचडी प्रवेश के लिए CBT मोड में UGC NET परीक्षा आयोजित की थी। परंपरा से हटकर, NTA ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि जून की परीक्षा पेन और पेपर मोड में और एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
11.21 लाख उम्मीदवारों ने किया था पंजीकरण
यूजीसी नेट परीक्षा के सीबीटी मोड में उम्मीदवारों का पंजीकरण और भागीदारी बढ़ी है। जून परीक्षा के लिए 11,21,225 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। दिसंबर 2023 की परीक्षा के लिए कुल 9,45,872 उम्मीदवार पंजीकृत थे। कुल पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 9,08,580 अभ्यर्थी जून की परीक्षा में शामिल हुए, जिससे कुल उपस्थिति लगभग 81 प्रतिशत रही, जो दिसम्बर के 73.6 प्रतिशत से अधिक थी।
जानें क्यों एक दिन बाद रद्द हुई थी परीक्षा?
18 जून को NTA ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उसने 9.08 लाख उम्मीदवारों के लिए UGC NET जून परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की। हालांकि, एक दिन बाद ही शिक्षा मंत्रालय ने सूचित किया कि इनपुट मिले हैं कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया हो सकता है और परीक्षा रद्द कर दी गई है। परीक्षा का एक प्रश्नपत्र डार्कनेट पर लीक हो गया था।