Amitabh Bachchan shares pic with Ramlala idol: 500 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार देशवासियों का अधूरा सपना 22 जनवरी 2024 को पूरा हुआ। बीते दिन बड़ी धूम-धाम से अयोध्या नगरी के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। देश के हर गांव, शहर, कस्बों, गली-मोहल्लों में प्रभु श्रीराम के स्वागत में उत्सव देखने को मिल रहा है।
पीएम मोदी ने की प्राण-प्रतिष्ठा
पूरा देश राम के जाप से सराबोर हो चुका है। बीते दिन सोमवार को अयोध्या के राम मंदिर में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई और इसके बाद श्रीराम सदा के लिए विराजमान हो गए। इस दौरान कई दिग्गज राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता, साधु-संत, क्रिकेट और बॉलीवुड जगत के तमाम सेलेब्रिटीज़ अयोध्या पहुंचकर इस ऐतिहासिक दिन के गवाह बने।
अमिताभ-अभिषेक बच्चन ने किए रामलला के दर्शन
इस दौरान बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी अपने बेटे व एक्टर अभिषेक बच्चन के साथ भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे थे। अयोध्या से वापस आकर अमिताभ बच्चन ने दर्शन की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं और अपने फैंस को मंदिर की झलकियां दिखाई हैं।
इन तस्वीरों में अभिनेता राम मंदिर के दिव्य दर्शन कर रामभक्ति में रमे दिख रहे हैं। इस खास दिन के लिए एक्टर ने पारंपरिक परिधान और शॉल पहना। इसके अलावा कई तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें अमिताभ और अभिषेक बच्चन को एकसाथ कतार में बैठे देखा जा सकता है।
बिग बी ने शेयर कीं तस्वीरें
बिग बी ने मंगलवार को इंस्टाग्राम और एक्स पर राम मंदिर के दर्शन की तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन में 'सिया पति रामचंद्र की जय' लिखा। इन तस्वीरों में वे आम लोगों की तरह लाइन में लगे दिख रहे हैं। अभिनेता मंदिर के अंदर रामलला की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर आशीर्वाद लेते दिख रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने एकदम करीब से भगवान राम की मूर्ति भी फैंस को दिखाई। बिग बी को सफेद कुर्ता-पायजामा पहने और शॉल लपेटे हुए देखा जा सकता है।
T 4899 - बोल सिया पति रामचंद्र की जय 🚩 pic.twitter.com/6S8rhQD8Uk
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) January 22, 2024
एक्टर ने ब्लॉग में शेयर की भावनाएं
एक्टर ने अपने ब्लॉग में तस्वीरों के साथ लिखा- दिव्य भावना की प्रासंगिकता से भरा एक दिन... अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से वापसी... उत्सव की महिमा और विश्वास की आस्था... श्री राम के जन्म पर मंदिर की गणना में डूबा हुआ। इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता.. क्योंकि आस्था का कोई वर्णन नहीं होता।