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Jyotiraditya Scindia Ramp walk: दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रैंप वॉक करते नजर आए। महोत्सव का यह फैशन शो न केवल दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना।

Jyotiraditya Scindia Ramp walk : दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रैंप वॉक करते नजर आए। महोत्सव का यह फैशन शो न केवल दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना, बल्कि सिंधिया जी का स्टाइलिश अंदाज भी हर किसी को चौंका गया। सिंधिया ने ऐरी सिल्क जैकेट पहनकर रैंप पर जैसे ही कदम रखा, तो उन्होंने अपने पेशेवर मॉडल जैसे पोज से सबको हैरान कर दिया। उनके साथ पश्चिम बंगाल के नेता सुकांत मजूमदार भी रैंप पर वॉक करते दिखे।

अष्टलक्ष्मी महोत्सव का विशेष महत्व
अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन खास तौर पर पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया जाता है। इस महोत्सव में कारीगरों की प्रदर्शनी, राज्य-विशिष्ट मंडप और फैशन शो जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय हस्तशिल्प, हथकरघा और अद्वितीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। महोत्सव में पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों के ‘अष्टलक्ष्मी’ या समृद्धि के आठ रूपों को भी प्रदर्शित किया जाता है, जो इस क्षेत्र के भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों की अनूठी पहचान को दर्शाते हैं।

गोलमेज सम्मेलन का हुआ आयोजन
बता दें, इस महोत्सव में गोलमेज सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी, उद्यमी, व्यापारी और निवेशक उपस्थित हुए। इस सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय विकास के लिए सहयोग को बढ़ाना था। 

प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन
तीन दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उन्होंने महोत्सव के आयोजन को पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति और कारीगरी को एक वैश्विक मंच पर लाने के रूप में महत्वपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार के आयोजन से क्षेत्रीय उद्योगों को वैश्विक पहचान मिलती है और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलता है।

फैशन शो में पूर्वोत्तर की शैलियों का प्रदर्शन
फैशन शो में इस बार पूर्वोत्तर भारत की पारंपरिक और आधुनिक फैशन शैलियों का प्रदर्शन किया गया। स्थानीय कारीगरों ने अपने हस्तनिर्मित कपड़ों, आभूषणों और शिल्पकला को प्रस्तुत किया, जो महोत्सव में आए लोगों के लिए एक अद्वितीय अनुभव था। इस शो ने न केवल फैशन के नजरिए से, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के संदर्भ में भी पूर्वोत्तर भारत की समृद्धि को प्रदर्शित किया।

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