Mamta Kulkarni resigns from Kinnar Akhada: पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने सोमवार (10 फरवरी) को आधिकारिक तौर पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। ममता ने एक वीडियो शेयर कर कहा कि वो विवादों के चलते महामंडलेश्वर का पद छोड़ रही हैं और वह साध्वी बनकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखेंगी। यह घटनाक्रम आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास के बीच ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर का पद देने को लेकर विवाद के बाद हुआ है।
'बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी रहूंगी'
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में ममता कुलकर्णी ने कहा, 'मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी रहूंगी।'
#WATCH | Prayagraj | Mamta Kulkarni says, "I am resigning from the post of Mahamandaleshwar of Kinnar Akhada. I have been 'sadhvi' since my childhood and I'll continue to be so..."
— ANI (@ANI) February 10, 2025
(Source - Mamta Kulkarni) pic.twitter.com/iQAmmBkjVR
गौरतलब है कि बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने सांसारिक जीवन त्यागकर और 'श्री यमई ममता नंदगिरी' के रूप में नई पहचान बनाकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। ममता ने 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान महामंडलेश्वर के रूप में अपनी पहचान बनाई।
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महामंडलेश्वर की नियुक्ति पर विवाद
योग गुरु बाबा रामदेव ने अभिनेत्री को महामंडलेश्वर बनाए जाने की खुलेआम आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति 'एक ही दिन में' संत नहीं बन सकता।
बाबा रामदेव ने पीटीआई के हवाले से कहा, 'सनातन का महान कुंभ पर्व, जहां हमारी जड़ें जुड़ी हुई हैं, एक भव्य उत्सव है। यह एक पवित्र त्योहार है। कुछ लोग कुंभ के नाम पर अश्लीलता, नशा और अनुचित व्यवहार को जोड़ते हैं। यह महाकुंभ का वास्तविक सार नहीं है।' योग गुरु ने, 'कहा कुछ व्यक्ति, जो कल तक सांसारिक सुखों में लिप्त थे, अचानक संत बन जाते हैं। इतना ही नहीं, एक ही दिन में महामंडलेश्वर जैसी उपाधि प्राप्त कर लेते हैं।'
कई धार्मिक गुरुओं का विरोध
बता दें कि ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था। कई संतों ने इस निर्णय का विरोध किया है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इस तरह के प्रतिष्ठित पद को प्राप्त करने के लिए वर्षों के आध्यात्मिक अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है।
जहां तक ममता कुलकर्णी की बात है, तो 1990 के दशक में ‘करण अर्जुन’ और ‘बाजी’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों से लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद 2000 के दशक की शुरुआत में उन्होंने बॉलीवुड से अचानक दूरी बना ली और विदेश में जाकर बस गईं। सुर्खियों से दूर रहीं और कभी कभार साध्वी के रूप में नजर भी आईं।