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Covid Virus: कोरोना वायरस (Covid-19) ने दुनियाभर में लाखों जानें ली हैं। इस वायरस को लेकर लगातार स्टडीज़ की जा रही है। हाल ही में हुई एक स्टडी में बड़ी बात सामने आई है।

Covid Virus: कोरोना वायरस का नाम सुनते ही आज भी लोगों के दिमाग में सिरहन पैदा हो जाती है। दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले चुका कोरोना वायरस (Covid-19) सभी वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती रहा। कोरोना की चपेट में आने के बाद इस बीमारी के होने वाले पोस्ट साइड इफेक्ट्स को लेकर अब भी दुनियाभर के देशों में रिसर्च की जा रही है। ऐसी ही एक स्टडी में हाल ही में सामने आया है कि बीमारी के बाद कोविड वायरस शरीर में  2 साल तक रह सकता है। 

एक स्टडी के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के बाद कुछ लोगों में SARS-CoV-2 वायरस 18 महीने तक मौजूद रहा। कोविड की चपेट में आने के एक से दो हफ्ते बाद से सामान्य तौर पर SARS-CoV-2 वायरस अपर रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट में पकड़ में नहीं आता है। 

स्टडी में हुआ खुलासा
पेस्ट्यूर इंस्टीट्यूट की टीम ने फ्रेंच पब्लिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और अल्टरनेटिव एनर्जीजड एंड एटॉमिक एनर्जी कमीशन के साथ मिलकर एनिमल मॉडल पर उनके फेफड़ों के सेल्स पर इस स्टडी को अंजाम दिया। स्टडी से जुड़े रिजल्ट नेचर इम्युनोलॉजी जरनल में प्रकाशित किए गए हैं। इसमें पाया गया कि कुछ के फेफड़ों में SARS-CoV-2 वायरस संक्रमण के 18 महीने बाद भी पाया गया। 

शरीर में छिप जाते हैं कुछ वायरस

कोविड संक्रमण के बाद कुछ वायरस खुद को शरीर में  इस तरह छिपा लेते हैं कि वे पकड़ में नहीं आते हैं। रिसर्चर्स के मुताबिक शरीर में रहने वाले इन वायरस को 'वायरल रिजर्वायर' कहत हैं। HIV के मामले में वायरस कोशिकाओं में छिपे रहते हैं और ये कभी भी रिएक्टिव हो सकते हैं। इसी तरह कोविड-19 के मामले में भी  SARS-CoV-2 इसी तरह व्यवहार कर सकता है। 

पेस्ट्यूर इंस्टीट्यूट के एचआईवी, इन्फ्लेमेशन एवं परसिस्टेंट युनि के हेड मिशेला मुलर ट्रुथविन कहते हैं कि 'SARS-CoV-2 वायरस के संक्रमण के बाद सूजन लंबे वक्त तक बनी रही। ऐसे में हमें इस बात की आशंका थी कि शरीर में इस वायरस की मौजूदगी की वजह से ऐसा हुआ।'

कोरोना में गईं लाखों जानें
चीन के वुहान शहर से निकली कोरोना बीमारी ने दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया था। 2019 के बाद इस बीमारी ने पूरी दुनिया की लाइफस्टाइल को बदल डाला। लाखों लोगों की जान लेने वाले कोरोना ने भारत में भी जमकर कहर बरपाया था। हालांकि अब कोरोना का खतरा नहीं रहा, लेकिन इस बीमारी के बाद होने वाले साइट इफेक्ट्स अब भी सामने आ रहे हैं। 
 

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