Himalaya Jadi Buti: हिमालय पर्वत में ऊंचाई के इलाकों में कई बेशकीमती जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं, जो किसी खजाने से कम नहीं है। उनमें से एक है यारसा गंबू नाम का कीड़ा। जिसे कीड़ा जड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस कीड़े के अंदर एक जड़ी पाई जाती है, जो शरीर के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। इसी कारण इसकी कीमत लाखों में है। स्थानीय लोग इसे कैटरपिलर फंगस के नाम से जानते है। यह पीले कैटरपिलर्स और मशरूम से मिलकर बनता है। क्योंकि ये घोस्ट मॉथ लार्वा के सिर से निकलता है। इसलिए इस कीड़े को कैटरपिलर फंगस कहा जाता है।
कीड़े के अंदर पाई जाती है यह जड़ी
यह जड़ी कीड़ा हिमालय के बर्फीले चारागाहों में पाई जाती है। जब बर्फ पिघलने लगता है, तो स्थानीय लोग कीड़ा जड़ी की खोज में हिमालय पर्वत की ओर निकल पड़ते हैं। ये जड़ी हिमालय में 3000 मीटर के ऊपरी हिस्सों में पाई जाती है। यहां कैटरपिलर कीड़ा की घास खाने से मौत हो जाती है। कीड़े के मौत के बाद मृत कीड़े के अंदर से एक खास जड़ी बूटी उगती है, इसलिए कैटरपिलर की जड़ी को कीड़ा जड़ी कहा जाता है।
कहां मिलती है कीड़ा जड़ी
भारत में उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ के उच्च हिमालय पर्वत में लास्पा, बुर्फू, रालम, नागनीधुरा, पोटिंग ग्लेशियर क्षेत्र, महोरपान, दर्ती ग्वार, दारमा घाटी, व्यास घाटी, छिपलाकेदार के अलावा चमोली और उत्तरकाशी के उच्च हिमालय क्षेत्रों में यह कीड़ा जड़ी पाई जाती है। इसका इस्तेमाल कैंसर और शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में उपयोग किया जाता है। कीड़ा जड़ी की भारत के अलावा सिंगापुर, हांगकांग और चीन में भी बहुत मांग है। विदेशों में कीड़ा जड़ी की कीमत 50 लाख रुपये किलो के करीब है। हालांकि बाजार में मांग के अनुसार इसकी कीमत बढ़ती घटती रहती है।
कीड़ा जड़ी खाने के फायदे
यह रात के पसीने, हाइपरलिपिडिमिया, हाइपरग्लेसेमिया, अस्टेनिया और दिल की धड़कन को कम करने के इलाज में सहायक होती है। जड़ी बूटी इम्यून सिस्टम, श्वसन, किडनी, कार्डियक वैस्कुलर हेल्थ, लीवर से जुड़े रोगों में भी काफी कारगर है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीट्यूमर गुणों में भी लाभदायक होती है।
इक्षांत उर्मलिया