UP Police Bharti: उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) में आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा एक लेटर वायरल हो रहा है। इस लेटर में सब इंस्पेक्टर के स्तर पर आउटसोर्सिंग से भर्तियों पर विचार हो रहा है। आउटसोर्सिंग भर्तियों पर राय के लिए एडीजी स्थापना की ओर से सभी एडीजी, पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा गया।
इन पदों के लिए मांगी राय
आउटसोर्सिंग से भर्तियों पर सीनियर पुलिस अफसरों की राय मांगी गई है। सहायक उप निरीक्षक(लिपिक), सहायक उप निरीक्षक(लेखा), सहायक उप निरीक्षक(गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती पर 17 जून तक राय मांगी गई है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया है कि चतुर्थ श्रेणी यानि चपरासी स्तर पर आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की भर्ती पहले से कराई जाती है। यह भी बताया है कि यह पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से प्रचलित है। त्रुटिवश चतुर्थ कर्मचारियों के स्थान पर मिनिस्टीरियल स्टॉफ के लिए जारी पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
— UP POLICE (@Uppolice) June 12, 2024
इस प्रकार का कोई भी प्रकरण पुलिस विभाग एवं शासन स्तर पर विचाराधीन नही है।#UPPolice pic.twitter.com/aRqa7Nh0YF
सोशल मीडिया में जारी की सफाई
यूपी पुलिस की तरफ से सोशल मीडिया पर भी जानकारी देते हुए कहा गया कि पुलिस विभाग में आउटसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र प्रसारित हो रहा है, उसके संबंध में अवगत कराना है कि यह पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है। पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की वयवस्था पूर्व से चल रही है। इसी के संबंध में पत्र जारी किया जाना था, जो कि त्रुटिवश मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी हो गया है। ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग और शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। यह पत्र गलत जारी हो गया है, जिसे निरस्त कर दिया गया है।
जानिए क्या था पूरा मामला
दरअसल, सब इंस्पेक्टर के स्तर पर आउटसोर्सिंग से भर्तियों पर राय के लिए एडीजी स्थापना की ओर से सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर और कप्तानों को पत्र भेजा गया था। इस पत्र में कहा गया था कि सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), सहायक उप निरीक्षक(लेखा), सहायक उप निरीक्षक (गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती की जा सकती है या नहीं। इस पत्र के वायरल होते ही हड़कंप मच गया।