UP Police Paper Leak Update: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक(UP Police Paper Leak) मामले में मंगलवार शाम (2 अप्रैल) मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार किया है। यूपी पुलिस और STF कई दिनों से उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी। बताया जा रहा है कि राजीव नयन मिश्रा पहले भी कई एग्जाम के पेपर लीक करवा चुका है और जेल भी जा चुका है।
उत्तर प्रदेश आरक्षी नागरिक पुलिस परीक्षा- 2023 के पेपर लीक की घटना के मुख्य अभियुक्त राजीव नयन मिश्रा की गिरफ़्तारी के सम्बन्ध में अपर पुलिस महानिदेशक क़ानून व्यवस्था उ0प्र0/एसटीएफ, श्री अमिताभ यश की बाइट।#UPPolice pic.twitter.com/KOknENav16
— UP POLICE (@Uppolice) April 3, 2024
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300 से ज्यादा आरोपी अभी तक पकड़े गए
बता दें की यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में तकरीबन 48 लाख युवाओं ने भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी को दी थी लेकिन पेपर लीक की वजह से एग्जाम कैंसिल करना पड़ा था। भर्ती रद्द होने के बाद से ही पुलिस और एसटीएफ पेपर लीक के आरोपियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। अभी तक मामले में 300 से ज्यादा आरोपी पकड़े जा चुके हैं।
यूपी पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक के मुख्य 5 आरोपी
- राजीव नयन: मूल रूप से प्रयागराज के थाना मेजा के अमोरा गांव का रहने वाला है। वर्तमान पता भरत नगर जेके रोड भोपाल में रहता है। रीवा के एक रिज़ॉर्ट में इसने अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया था। उसके खिलाफ मेरठ के कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज है।
- अभिषेक शुक्ला: 2021 में ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ऑफ इंडिया कंपनी (TCI) में ट्रेनिंग एग्जीक्यूटिव के पद पर नौकरी जॉइन की थी। 6 महीने बाद उसने ये कंपनी छोड़ दी थी।
- शिवम गिरि: 2020 में TCI कंपनी दिल्ली में करीब 10-11 महीने काम किया। दिसंबर 2020 में उसका ट्रांसफर वेयर हाउस अहमदाबाद में हो गया।
- रोहित पांडेय: नवंबर-2021 में TCI कंपनी में अहमदाबाद में जॉइन किया था। दो महीने पहले ही रोहित की मुलाकात शिवम पांडेय से हुई थी।
- शुभम मंडल: पटना का रहने वाला है। पेशे से डॉक्टर है। सील्ड बॉक्स खोलने में एक्सपर्ट है। शुभम मंडल को भी STF ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
60 हजार पदों पर निकाली गई थी भर्तियां
गौरतलब है कि बीते 17-18 फरवरी के दिन उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें कांस्टेबल के 60 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां निकाली गई थीं। परीक्षा में शामिल होने के लिए सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार तक से युवा आए थे। मगर सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर पहले से ही लीक हो गया था।
पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की DG को भी हटाया
सोशल मीडिया पर 17 और 18 फरवरी के पेपर की कई वीडियो और फोटो परीक्षा समय से पहले ही वायरल हो गई थी। इसके बाद सिपाही भर्ती बोर्ड ने मामले की जांच की। जिसके बाद योगी सरकार ने सिपाही भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था और मामले की जांच UP STF को सौंपी थी। इसके कुछ दिन बाद ही शासन ने पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की DG रेणुका मिश्रा को भी पद से हटाया गया था।