Piles Symptoms: बवासीर (Piles) की बीमारी भयंकर पीड़ादायक होती है। इस बीमारी के दौरान मरीज को मलत्याग के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गलत खान-पान और लाइफस्टाइल के अलावा लंबे वक्त तक मेडिकेशन भी पाइल्स की शुरुआत होने की वजह बन सकता है। पाइल्स अगर शुरुआती स्टेज में हो तो इसका इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाइयों की मदद से किया जा सकता है। अगर बवासीर एडवांस स्टेज में पहुंच गई है तो फिर डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।
पाइल्स की बीमारी की शुरुआत में कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं जिससे पहचाना जा सकता है कि आप बवासीर के शिकार हो गए हैं। मेडिकलन्यूजटुडे के मुताबिक पाइल्स लगभग 80 फीसदी लोगों को होती है और इसे तब तक बीमारी नहीं माना जाता है, जब तक कि शौच करते वक्त खून न आने लगे या भयंकर पीड़ा न होने लगे।
पाइल्स होने के लक्षण
- शौच के बाद बूंद-बूंद कर खून का टपकना
- मल द्वार के आस-पास मस्सों का हो जाना
- शौच के दौरान तेज दर्द होना, खून निकलना
- मल द्वार के आसपास सुई जैसी चुभन का एहसास
पाइल्स का इलाज
मेडिकेशन - पाइल्स होने के बाद कई तरह की दवाइयों से समस्या से राहत पाई जा सकती है। इसमें दर्द निवारक दवाएं, स्टूल सॉफ्ट करने वाले सिरप, क्रीम, आइनमेंट्स का उपयोग शामिल है।
सर्जिकल ऑप्शन - पाइल्स की समस्या अगर एडवांस स्टेज में पहुंच गई है तो फिर डॉक्टर्स सर्जरी की सलाह देते हैं। इसमें बैंडिंग, स्क्लेरोथेरेपी, इन्फ्रारेड कोएग्युलेशन, हेमोराइडेक्टॉमी और हेमोराइड स्टेपलिंग जैसे ट्रीटमेंट शामिल हैं।
लाइफस्टाइल में बदलाव - पाइल्स से राहत में आपकी लाइफस्टाइल अहम भूमिका निभा सकती है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में फाइबरयुक्त चीजों का सेवन करना चाहिए। इससे कब्ज दूर करने में और स्टूल को सॉफ्ट करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है।