Relationship tips: किसी भी रिलेशनशिप की मजबूती सिर्फ इसी बात पर टिकी होती है कि उसमें कितना आपसी विश्वास है। फिर वो चाहे परिवार हो, दोस्त हो या फिर आपका पार्टनर हो। भरोसा ही ऐसी चीज है जो कि रिलेशनशिप के लंबा चलने की गारंटी होता है। अगर साथी पर भरोसा पैदा न हो जाए तो ये रिलेशनशिप को कमजोर कर सकता है। बहुत से लोग होते हैं जिन्हें किसी पर एकदम से भरोसा नहीं होता है। वे किसी पर भरोसा करना तो चाहते हैं लेकिन उसे काफी आजमाने के बाद आप भी अगर लोगों पर भरोसा करने में खुद को असहज पाते हैं तो कुछ आसान तरीके इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ आदतें अपनाकर आप भी दूसरों के प्रति भरोसेमंद बन सकते हैं। 

5 तरीकों से पैदा होगा भरोसा

ओपन टॉक - किसी भी रिलेशनशिप को डेवलप करने के लिए उसमें खुला और ईमानदार संवाद होना बेहद जरूरी होता है। इसीलिए अपनी फीलिंग्स, विचारों और सामने वाले से लगाई उम्मीदों को लेकर एकदम पारदर्शी रहें। अपनी जरूरतों के बारे में साफ-साफ बात करें। इससे पार्टनर से कनेक्ट होने में भी आपको मदद मिलेगी। पार्टनर के किसी भी काम या बात को लेकर अंदाजा न लगाएं और सीधी बात करें। 

एक्शन में कंसिस्टेंसी - किसी पर भरोसा करने में या फिर किसी का भरोसा हासिल करने में कंसिस्टेंसी बेहद महत्वपूर्ण होती है। ज्यादातर लोग किसी के एक्शन और व्यवहार पर लगाकर नजर रखने के बाद संतुष्ट होने पर ही भरोसा करते हैं। आपने अगर किसी से वादा किया है तो उसे जरूर निभाएं। ये आपको भरोसेमंद बनाएगा और सामने वाला आपको लेकर सुरक्षित महसूस करेगा। 

संवेदनशील रहें - किसी का भरोसा जीतने के लिए संवेदनशील होना बेहद जरूरी होता है। अपने विचारों, डर और जिससे आप असुरक्षित महसूस करते हैं उसके बाद में अपने पार्टनर से खुलकर बात करें और उन्हें भी ऐसा करने के लिए कहें। संवेदनशील रहने पर गहरा कनेक्शन पैदा होने लगता है जो किसी भी रिलेशनशिप के लिए बेहद अहम है। 

सीमाएं तय करें - हेल्दी रिलेशनशिप को रखने के लिए जरूरी है कि एक दूसरे के प्रति आपसी सम्मान, स्पेस और हद बनी रहें। अपने पार्टनर को साफतौर पर अपनी सीमाओं के बारे में बताएं और  उन्हें भी ऐसा करने के लिए कहें। किसी भी रिश्ते में पर्सनल स्पेस और भरोसे का वातावरण होना जरूरी होता है। 

विवाद हल करें - किसी भी रिलेशनशिप में मतभेद होना आम बात है। रिश्ते में अगर कोई समस्या आ जाए तो उसे भरोसा पैदा करके ही खत्म किया जा सकता है। इसके लिए दोनों के बीच सुनने की, समझौते की और हल निकालने की भावना होनी चाहिए। एक दूसरे की आलोचना और ब्लेम करना रिश्ते खराब कर देता है।