Chhatrapati Shivaji maharaj Jayanti 2025: भारत के वीर सपूतो में से एक श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज की आज 19 फरवरी को जयंती है। यह दिन भारत के लिए काफी खास है। इस दिन ही सन् 1630 में भारत के वीर सपूत का जन्म हुआ था। हालांकि कुछ लोग शिवाजी महाराज का जन्म 1627 में भी बताते हैं।
मराठा गौरव और हिंदु हदय सम्राट कहे जाने वाले शिवाजी महाराज एक निडर नेता और सुशासन के समर्थक थे, जिनकी वीरता की मिसाल पूरे भारत में दी जाती है। इसलिए हर साल छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में इस अवसर पर कई भव्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और अपनी अगली पीढ़ी को उनकी शोर्य की गाथाएं सुनाते हैं। साथ ही उनके उपदेशों को याद किया जाता है। ऐसे में आज हम यहां आपको शिवाजी महाराजा के जीवन के बारें में विस्तार से बता रहे हैं।
शिवाजी के बारे में तथ्यपरक जानकारी
- मराठा महाराज का पूरा नाम: शिवाजी भोंसले
- जन्म तिथि: 19 फरवरी, 1630 या अप्रैल 1627
- जन्मस्थान: शिवनेरी किला, पुणे जिला, महाराष्ट्र
- पिता: शाहजी भोंसले
- माता: जीजाबाई
- शासनकाल: 1674–1680
- जीवनसाथी: सईबाई, सोयराबाई, पुतलाबाई, सक्वरबाई, काशीबाई जाधव, सगुणाबाई, लक्ष्मीबाई और गुणवतीबाई है।
- बच्चे: संभाजी, राजाराम, सखुबाई निम्बालकर, रणुबाई जाधव, अंबिकाबाई महादिक, राजकुमारबाई शिर्के
- धर्म: हिंदू धर्म
- मृत्यु: 3 अप्रैल, 1680
- शासक: रायगढ़ किला, महाराष्ट्र
- उत्तराधिकारी: संभाजी भोंसले
शिवाजी का प्रशासन
शिवाजी का प्रशासन डेक्कन की प्रथाओं से प्रभावित था। उन्होंने आठ मंत्रियों को नियुक्त किया जिन्हें अस्तप्रधान कहा गया। ये मंत्री उन्हें प्रशासनिक कामों में मदद करते थे। उनके प्रशासन में कुछ मुख्य पद थे:
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पेशवा: यह सबसे महत्वपूर्ण मंत्री थे जो वित्त और प्रशासन देखते थे।
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सेनापति: यह मराठा सेना के प्रमुख होते थे, यह एक सम्मानजनक पद था।
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मजूमदार: ये अकाउंटेंट होते थे और धन की हिसाब किताब रखते थे।
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सुरनवीस या चिटनिस: ये राजा के पत्राचार का काम करते थे।
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दबीर: ये समारोहों का आयोजन करते थे और विदेशी मामलों में राजा की मदद करते थे।
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न्यायधीश और पंडितराव: ये न्याय और धार्मिक कार्यों की देखरेख करते थे।