Logo
ऑफिस में कुलीग्स के बीच आपकी इमेज, काफी हद तक आपके बिहेवियर और बातों से ही बनती है। ऐसे में उन बातों को जानना बहुत जरूरी है, जिनको बोलने से आपकी वर्कप्लेस इमेज खराब हो सकती है।

आपकी बात, तलवार से ज्यादा ताकतवर होती है। इसी से आप बड़ी-बड़ी महफिलों में सम्मान पाते हैं। वहीं, गलत बात से आपकी इमेज बिगड़ भी सकती है। बात अगर वर्कप्लेस की हो तो आपको कुछ बातें कभी नहीं बोलनी चाहिए। ये भले आपकी साफगोई या तथाकथित ईमानदारी दर्शाते हों, लेकिन इनका इस्तेमाल करते ही आप सहकर्मियों के बीच उनके विरोधी बन सकते हैं। उस बात का खामियाजा करियर में तरक्की से लेकर जॉब छूटने तक भुगतना पड़ सकता है। 

दैट्स नॉट माइ जॉब 
इस जुमले का अर्थ है, यह मेरा काम नहीं है। हो सकता है आप यह बात बिल्कुल सही कह रहे हों, दफ्तर में कई बार ऐसे चतुर सहकर्मी होते हैं, जो अपने हिस्से का काम भी आपके सिर पर डालने की कोशिश में रहते हैं। इसलिए जो काम आपका वाकई ना हो, आपसे गैरजरूरी संकोच या दबाव में करवाने की कोशिश की जा रही हो, उसे बिल्कुल ना करें। लेकिन ना करने का मतलब यह नहीं है कि किसी को बिल्कुल मुंहफट अंदाज में कह दें, दैट्स नॉट माइ जॉब यानी यह मेरा काम नहीं है। दरअसल, ऐसा ना कहने की सलाह इसलिए दी जा रही है, क्योंकि अकसर कई लोग बड़ी सहजता से भी एक मानवीय स्वभाव के तहत आपके पास अपना काम लेकर आ जाते हैं। दूर-दूर तक उनके मन में आपको नीचा दिखाने या चालाकी बरतने की सोच नहीं होती है। ऐसे में जब आप स्ट्रेट फॉरवर्ड ढंग से इस जुमले का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे वह अपमानित महसूस करते हैं। फिर अपने उस अपमान का बदला लेने के लिए आपके साथ कई बेजां हरकतें करते हैं। इसलिए ऐसे वाक्य बोलने से ऑफिस में हमेशा बचना चाहिए। जब भी आपके पास कोई अतिरिक्त काम लेकर आए, जो आपका ना हो तो विनम्रता से कहे, मैं निश्चित रूप से आपकी मदद करता, अगर इस मामले में मैं विशेषज्ञ होता या मेरे पास इस समय मेरे काम का बोझ ना होता। इससे कोई बात भी नहीं बिगड़ेगी और आप जो चाहते हैं, वह भी हो जाएगा। 

आइ टोल्ड यू शो 
 इसका अर्थ है-देखा मैंने पहले ही कहा था। कई बार जब हम किसी को कोई बात बता रहे होते हैं और वह हमारी बात नहीं सुनता है। बाद में वही बात सही निकलती है, जो हम बता रहे होते हैं। ऐसे में हम अकसर सामने वाले पर हावी हो जाते हैं और बड़े ड्रामेटिक अंदाज में दोहराते हैं, देखा मैंने तो पहले ही कहा था, लेकिन तुम मेरी बात ही नहीं मान रहे थे। ऐसे में वह व्यक्ति जो वाकई आपकी बात नहीं मान रहा था, खिसियाहट महसूस करता है और कई बार उसे ऐसा महसूस होता है कि आप जानबूझ कर इस बात को दोहराकर उसकी बेइज्जती कर रहे हैं। इसलिए देखा गया है कि कुछ मौकों पर ऐसा व्यक्ति बिना अपनी गलती स्वीकार किए, उल्टा आप पर ही हावी होने की कोशिश करता है। इससे बेहतर यही है कि किसी को भी बार-बार यह याद दिलाकर कि जब मैं तुमसे कह रहा था, तब तुम नहीं सुन रहे थे, उसे और अपमानित महसूस ना कराएं। ऐसा करने से आपकी ऑफिस में रेस्पेक्ट कम होती है। चाहे आप जितने जानकार हों, लोग आपसे सलाह लेने में कतराते हैं और आप दफ्तर में हीरो बनने की बजाय, जीरो साबित होते हैं। 

आइ डोंट हैव टाइम फॉर दिस 
 मेरे पास इन फालूत बातों के लिए वक्त नहीं है। यह वैसे तो आपका ईमानदार कथन हो सकता है। हो सकता है आप यह बात बिल्कुल ईमानदारी से कह रहे हों कि आपके पास सामने वाले की बेमतलब बात पर, बात करने के लिए या बहस करने के लिए समय नहीं है। लेकिन जब आप बिना लाग-लपेट किसी से ऐसा जुमला बोलते हैं और वह भी ऑफिस में, तो इसे लोग आपकी ईमानदारी या साफगोई नहीं समझते हैं, बल्कि इस जुमले को आपके अहंकार के तौर पर लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि अगर आपके पास वाकई किसी के लिए जरा भी समय ना हो, तो भी उससे ऐसी बात ना बोलें। इसके बजाय उससे बड़ी विनम्रता से कहें निश्चित रूप से मैं इस पर आपसे गहरा विचार-विमर्श करता या मैं इस पर जरूर रुचि लेता। फिलहाल इस समय कुछ अपरिहार्य कारणों से मेरे पास काम का बोझ कुछ ज्यादा है, इसलिए अभी मैं इस पर भागीदारी नहीं कर पाऊंगा। फिर कभी अगर मौका मिलेगा तो इस संदर्भ में रुचि के साथ हिस्सेदारी करूंगा। मुझे अफसोस है कि मैं इतने महत्वपूर्ण बात का हिस्सा नहीं बन पा रहा हूं। अगर आप ऐसा कुछ कहेंगे तो सामने वाला आपसे किसी बात पर नाराज होने की जगह खुश होगा और आपको व्यावहारिक या ईमानदार व्यक्ति समझेगा। 

 कीर्तिशेखर    
 

5379487