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कानों की सफाई के लिए आप अकसर मैल निकालते होंगे। लेकिन कुछ लोग ऐसा करने में बहुत लापरवाही करते हैं। इससे कानों को अस्थायी या स्थायी रूप से नुकसान हो सकता है या इंफेक्शन हो सकता है। ऐसा आपके साथ ना हो, इसके लिए पूरी सावधानी बरतें। 

Ear Clean Tips: आराध्या अपने ग्यारह साल के बेटे शैलेष के कानों से खून निकलता देख घबरा गई। पूछने पर पता चला कि वह इयरबड्स से कानों की सफाई करने की कोशिश कर रहा था, तो असावधानीवश उसे कुछ ज्यादा ही दबाव से भीतर घुमा दिया। इससे कान का भीतरी कोमल भाग डैमेज हो गया।

हममें से अधिकतर लोग कानों की सफाई या कानों को खुजाने के लिए लोहे या तांबे की कान कुचरनी, माचिस की तीली या कॉटन स्वैब का प्रयोग करने के अभ्यस्त होते हैं। लेकिन जरा सी असावधानी से आपको इसके घातक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। इसलिए ऐसा कुछ भी ना करें और कानों की सफाई सावधानी के साथ करें।

इयर वैक्स है फायदेमंद 
डॉक्टर्स का कहना है कि सबसे पहले आप यह समझ लें कि इयर वैक्स जिसे आप मैल कहते हैं, आपके कानों की दुश्मन नहीं बल्कि दोस्त है। इसे जबरन निकालना कतई आवश्यक नहीं है। यह हमारे कानों में मौजूद डेड सेल्स, पसीने, स्किन सेल, डस्ट आदि के मिश्रण से बनती है। यह वैक्स हमारे कानों के भीतरी हिस्से का सुरक्षा घेरा देती है, जिसमें बाहरी फंगस, बैक्टीरिया, डस्ट आदि बाहरी घेरे में ही फंस जाते हैं।
खुद ही निकल जाती है।

हमारे कानों में जब इयर वैक्स की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो यह हमारा मुंह हिलने या जबड़े ऊपर-नीचे होने पर खुद ही सतह पर उभर कर आसानी से निकल जाती है। वहीं जब हम इसे कॉटन स्वैब से निकालने की कोशिश करते हैं तो यह बाहर आने की बजाय कान के भीतरी हिस्से में घुस जाता है और हार्मफुल साबित हो सकता है।

हार्मफुल है कॉटन स्वैब 
आपको कॉटन स्वैब देखने में भले ही कोमल लगती हो लेकिन यह आपके कानों की बेहद कोमल दीवारों को छील सकती है। इससे वैक्स और ज्यादा बनने लगती है, जिससे इंफेक्शन, खुजली, दर्द और कानों में असहजता का अनुभव हो सकता है। स्थिति ज्यादा जटिल हो जाए और यह कान में भर जाए तो सुनने में भी दिक्कत हो सकती है। विशेष रूप से एक्जिमा या सोरायसिस जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को ज्यादा तकलीफ हो सकती है। इसलिए आपको कभी लगे कि वैक्स ज्यादा जमा हो गया है तो किसी ईएनटी विशेषज्ञ से मिलकर कानों की सफाई करवा लें।

ऐसे करें कानों की सफाई 
विशेषज्ञ कहते हैं कि आपको समझ लेना चाहिए कि हमारे कानों में नर्व एंडिंग्स होती हैं। जाहिर है ये काफी संवेदनशील और नाजुक होती हैं। इसलिए कानों की सफाई के लिए अत्यधिक सावधानी बरतनी जरूरी है।
ऐसा ना करने पर ये नर्व्स डैमेज हो सकती हैं।

कपड़े से करें क्लीन 
कानों के बाहरी हिस्से यानी इयर पिन्ना को साफ करने के लिए एक साफ-सुथरा भीगा हुआ कपड़ा लें और इसे हल्के हाथों से पोंछ दें। आसानी से जहां तक आपकी अंगुली घुसे, वहीं तक सफाई करें। ज्यादा भीतर तक कपड़ा घुसाने की कोशिश ना करें।

इयर ड्रॉप्स हैं कारगर 
कानों की सफाई के लिए इयर ड्रॉप्स बेहतरीन और सुरक्षित उपाय हैं। बाजार में आपको ऐसे कई ड्रॉप्स मिल जाएंगे, जो सूखे, पपड़ीदार इयर वैक्स को नम करके निकलने में मददगार साबित होते हैं। इनके प्रयोग से कान का मैल फूल कर बाहर आ जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि कान में कोई भी इयर ड्रॉप अपनी मर्जी से लेकर ना डालें। हमेशा ईएनटी विशेषज्ञ से कंसल्ट करके ही कोई इयर ड्रॉप कानों में डालें।

[यह जानकारी डॉ. उत्तम अग्रवाल (ईएनटी विशेषज्ञ, कोलकाता) से बातचीत पर आधारित है। Haribhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।]

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