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Food Tips: भारतीय समाज में खानपान को लेकर खास परंपराएं बनाई गई हैं। जैसे बारिश सीजन में ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए। भोजन के सिलेक्शन को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जाती है। ताकि, स्वास्थ्य में प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

Food Tips: बारिश के मौसम में सेहत को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। इस सीजन में बैक्टीरिया जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि बारिश सीजन में खानपान में विशेष सतर्कता बरती जाए। आज हम 5 ऐसे भोजन के बारे में बताएंगे, बारिश सीजन में जिनका सेवन बेहद खतरनाक है। पढ़ें वीरेंद्र कुशवाह की रिपोर्ट..। 

हरी पत्तेदार सब्जियां (Green leafy vegetables) 
हरी पत्तेदार सब्जियों को बहुत पौष्टिक आहार और सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है, लेकिन बारिश सीजन में पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचना चाहिए। बैक्टीरिया और फंगस के चलते हरी सब्जियों से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पालक, मेथी, पत्ता गोभी, फूलगोभी जैसी सब्जियों से परहेज करें। करेला, घिया, तरोई और टिंडा जैसी सब्जियों को भोजन में शामिल करें। 

​मांसाहार  (Non Veg) 
बारिश सीजन में नॉनवेज जल्द खराब हो जाता है। मछलियों के लिए यह प्रजनन का समय होता है, इसलिए मछली के सेवन बचना चाहिए। चिकन-मटन के सेवन से भी जितना संभव हो बचें, क्योंकि इस सीजन में मांसाहार से बहुत जल्द बदबू आने लगती है। नॉनवेज खाना ही पड़े तो कोशिश करें वह तरोताज़ा हो।  

तला भोजन  (Fried Food) 
बारिश सीजन में समोसे, पकौड़े और कचौड़ी जैसे पकवान खाने का खूब मन करता है, लेकिन इस सीजन में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। जिससे गैस संबंधी परेशानी बढ़ सकती है। गन्दगी के चलते वैकटीरिया जनित बीमारियां जैसे कि हैजा-पीलिया और दस्त की समस्या हो सकती है। 

​सॉफ्ट ड्रिंक्स (Soft Drinks)
बारिश सीजन में सॉफ्ट ड्रिंक पाचन तंत्र को कमजोर कर सकते हैं। सॉफ्ट ड्रिंक के ज्यादा सेवन से शरीर में मिनरल्स की मात्रा कम हो सकती है। इसलिए बारिश के दिनों में सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन न करें। नींबू पानी, जलजीरा और अदरक से बनी गरमा गरम चाय जैसे पेय पदार्थ पी सकते हैं।  

फल और जूस (Fruit, Vegetable Juices)
बारिश सीजन में सड़क किनारे खुले में रखे फल और उनके जूस से भी बचना चाहिए। नमी के चलते इनमें कीटाणु बैठ जाते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदयक हैं। इन फलों का रस पीना भी सही नहीं है। क्योंकि यह उल्टी और दस्त और टायफाइड का कारण बन सकता है। बहुत जरूरी हो तो फलों का ताजा रस निकलें और तुरंत इस्तेमाल करें। 

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