Green Interior Home: सजा-संवरा, साफ-सुथरा घर हर होम मेकर की चाहत होती है। लेकिन अगर उसी घर को ग्रीन (ईको फ्रेंडली) इंटीरियर से सजाया जाए तो इससे न केवल घर खूबसूरत दिखता है, साथ ही पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी आप मददगार हो सकती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप घर के इंटीरियर को ग्रीन टच दे सकती हैं। 

ईको फ्रेंडली आइटम्स करें यूज 
घर की डेकोरेशन में ईको फ्रेंडली आइटम्स का अधिक यूज करें। क्या आप जानती हैं कि सिर्फ प्लास्टिक ही नहीं बल्कि सिरेमिक पॉट्स और प्लांटर्स भी पर्यावरण के लिए नुकसानदेय होते हैं? कई लोग इनडोर डेकोरेशन के लिए सेरेमिक और कलरफुर प्लास्टिक हैंगिंग प्लांटर्स का इस्तेमाल करते हैं। एंवॉयर्नमेंट के लिहाज से यह सही नहीं है, इसलिए इनके बजाय आप वूडेन या जूट के हैंगिंग प्लांटर्स और इंडोर प्लांट्स कंटेनर ले सकती हैं।

इंडोर प्लांट्स वाले ऐसे कंटेनर को आप लिविंग रूम, बेड रूम में रख कर घर की रौनक बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है। इसके अलावा घर को सजाने के लिए यूजलेस हो चुके पुराने जैम, सॉस आदि की बोतल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह पेपर बैग लालटेन और केन लैंप शेड यानी बेंत से बने लैंप शेड अपने घर में लगा सकती हैं। ये पूरी तरह से नेचुरल और ईको फ्रेंडली मैटेरियल से बने होते हैं।

हैंगिंग वुडेन शेल्फ(Hanging Wooden Shelf)
ग्रीन होम डेकोर में हैंगिंग वुडेन शेल्फ भी इन दिनों काफी ट्रेंड में हैं। ये न सिर्फ आपके घर की खूबसूरती बढ़ाते हैं बल्कि इनसे जगह की भी बचत होती है। आप इन्हें अपनी बालकनी से लेकर ड्रॉइंग रूम तक कहीं भी लगा सकती हैं। इनका इस्तेमाल किताबें और शो-पीस रखने से लेकर प्लांट कंटेनर रखने तक, कई चीजों के लिए कर सकती हैं। 

नेचुरल फैब्रिक्स का यूज(Use of Natural Fabrics)
ईको फ्रेंडली इंटीरियर डेकोरेशन में सिंथेटिक फैब्रिक्स की जगह ऑर्गेनिक फाइबर्स जैसे कॉटन, हेंप, लिनेन और बांस से बनने वाले होम टेक्सटाइल को चुना जा सकता है। ये फेब्रिक नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल्स से फ्री होते हैं। आजकल मार्केट में इनसे बने कर्टेंस, बेड शीट्स, पिलो-कुशन कवर आसानी से मिल जाते हैं।

अपसाइकल्ड फर्नीचर-वुडन फ्लोरिंग(Upcycled Furniture-Wooden Flooring)
ईको फ्रेंडली इंटीरियर डेकोरेशन में अपसाइकिल्ड फर्नीचर भी बेहतर ऑप्शन हैं। ये विंटेज होने के साथ-साथ जगह भी कम घेरते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला वेस्ट भी कम होता है। इसके अलावा वुडेन फ्लोरिंग के साथ कलरफुल और टेक्सचर वाले कारपेट भी ईको फ्रेंडली इंटीरियर डेकोरेशन में यूज किए जा सकते हैं। टाइल्स में वुडेन टेक्सचर की टाइल्स से फ्लोरिंग को बहुत खूबसूरत लुक मिलता है। 

टेराकोटा कुकवेयर-बैंबू सर्विंग क्रॉकरी
टेराकोटा से बने ईको फ्रेंडली कुकवेयर जैसे हांडी, कड़ाही से लेकर तवा और डोंगे को किचेन में यूज किया जा सकता है। इसी तरह बैंबू से बने ट्रे, जग, ग्लास और ऐसी ही कई बर्तनों को घर के किचेन में इस्तेमाल करके आप अपने घर की शोभा बढ़ा सकती हैं, साथ ही पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा सकती हैं।

घर को पॉल्यूशन फ्री रखने वाले इंस्ट्रूमेंट्स(Pollution Free Home Tips)

  • घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल, प्रदूषक तत्वों को फिल्टर करने के साथ-साथ हार्मफुल गैसेस को भी फिल्टर करने के लिए किया जा सकता है।
  • घर में मौजूद एक्सट्रा मॉयश्चर को हटाने के लिए डीह्यूमिडिफायर का प्रयोग किया जा सकता है।  
  • घर में मौजूद कारपेट, सोफा कवर, परदे, बेडशीट, पिलो कवर को धूल, मिट्टी से फ्री रखने के लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें। 
  • किचेन में कुकिंग करते समय मसालों के सूक्ष्म कण हवा में पहुंच कर प्रदूषण फैलाते हैं और गैस स्टोव के जलने से नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं। इसके लिए  मैकेनिकल वैंटिलेशन जैसे प्योरिफाईंग फैन या चिमनी का प्रयोग किया जा सकता है।

ऐसे भी घर रहेगा पॉल्यूशन फ्री
केमिकल्स से बनाएं दूरी: आजकल घर की सफाई से जुड़े प्रोडक्ट्स के अलावा पर्सनल हाईजीन से जुड़ी वस्तुओं जैसे- साबुन, शैंपू आदि के उत्पादन में बहुत अधिक मात्रा में हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। शैंपू के बजाय रीठा से बाल धोना एक अच्छा ऑप्शन है। इसी तरह फर्श की सफाई के लिए बाजार में बिकने वाले केमिकल बेस्ड फ्लोर क्लीनर के बजाय, फलों के छिलके सें तैयार बायो एंजाइम का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसे घर पर बनाने की विधि आपको यूट्यूब पर आसानी से मिल जाएगी। मार्केट में भी बहुत सारे रेडीमेड ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं आप उनका भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

घर पर बनाएं प्राकृतिक खाद: घर से निकलने वाला कचरा, प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। इससे बचाव के लिए किचेन से निकलने वाले गीले कचरे और प्लास्टिक, बॉटल जैसे सूखे वेस्ट को अलग-अलग रखें। किचेन से निकलने वाली सब्जियों के छिलके, चायपत्ती आदि का इस्तेमाल ऑर्गेनिक खाद बनाने के लिए करें। इसके लिए छिलकों को जमीन खोद कर मिट्टी के नीचे दबा दें या किसी बड़े गमले में मिट्टी की परत बिछाकर  उस पर सब्जियों के छिलके को बिछाकर उसे दोबारा मिट्टी से ढंक दें। उसे कुछ दिनों के अंतराल पर खुरपी से पलटते रहें। इस तरह लगभग दो महीने में प्राकृतिक खाद बन कर तैयार हो जाएगी। इसका उपयोग आप अपने पेड़-पौधों के लिए कर सकती हैं।