Radish Health Benefits: सर्दियों के मौसम में मूली आने वाली मूली सलाद के तौर पर खूब पसंद की जाती है। आमतौर पर मूली को बढ़िया पाचक माना जाता है, लेकिन इसके गुण इससे कहीं ज्यादा हैं। कई बड़ी बीमारियों में मूली का सेवन काफी असरदार हो सकता है। घरों में अक्सर सफेद मूली को लाकर खाया जाता है, हालांकि सफेद के अलावा लाल मूली, काली मूली, काली-हरी मूली भी मिलती है, जो बेहद गुणकारी होती हैं। आप अगर मूली को 'मामूली' समझने की भूल कर रहे हैं तो इसके फायदे जानकर आप अपनी सोच बदलने पर मजबूर हो जाएंगे।
मूली में पोषक तत्वों का खज़ाना छिपा हुआ है। वेबएमडी के मुताबिक मूली में केटेचिन, पायरोगेलोल, वेनिलिक एसिड समेत अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। मूली में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है जो कि बॉडी सेल्स को डैमेज होने से बचाता है।
मूली खाने के फायदे
डायबिटीज - मूली में ग्लूकोसिनोलेट और आइसोथायोसायनेट जैसे कैमिकल कंपाउड मौजूद होत हैं जो कि ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करते हैं। पूर्व की स्टडीज में ये सामने आ चुका है कि मूली खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है और ये आंतों को जितने ग्लूकोज की जरूरत होती है उसे घटाते हैं।
लिवर फंक्शनिंग - मूली का सेवन लिवर फंक्शन को बेहतर करने में मदद करता है। इसमें स्पेशल कंपाउड इनडोल-3-कार्बिनोल और 4-मिथाइलथिनो-3-ब्युटेनाइल- आइसोथियोसायनेट होता है जो कि लिवर को खतरनाक टॉक्सिंस से बचाने वाले एंजाइम्स को ट्रिगर करने में मदद करता है।
हार्ट डिजीज - आजकल कम उम्र में ही हार्ट संबंधी बीमारियां सामने आने लगी हैं। मूली में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम जैसे खनिज तत्व भी होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इससे हार्ट डिजीज होने का रिस्क भी काफी कम हो जाता है।
डाइजेशन - मूली के साथ इसकी पत्ती भी बेहद लाभकारी होती हैं। आंतों की सेहत के लिए मूली की पत्तियां खाना काफी फायदेमंद हो सकता है। एक स्टडी के मुताबिक ये मोटापा घटाने में भी मदद कर सकती है। मूली के मुकाबले इसकी पत्तियों में ज्यादा फाइबर मौजूद होता है जो कि कब्ज को रोकने में कारगर होता है।
एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज - मूली में प्राकृतिक तौर पर एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं। इसमें एंटी फंगल प्रोटीन RsAFP2 पाया जाता है जो कि शरीर में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा काफी कम कर सकता है।