Cumin Plantation: जीरा एक ऐसा मसाला है जो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है। औषधीय गुणों से भरपूर जीरा ज्यादातर लोग मार्केट से खरीदकर लाते हैं, हालांकि आप चाहें तो इसे आसानी से घर पर भी उगा सकते हैं। बागवानी के शौकीन जीरे को गमले में भी प्लांट कर सकते हैं। 

जीरा एक स्वादिष्ट और खुशबूदार मसाला है, जिसे गमले में उगाना बहुत आसान है। यह न केवल खाने में इस्तेमाल होता है, बल्कि इसके पौधे की देखभाल भी काफी सरल है। गमले में जीरा लगाने से आप घर पर ताजे जीरे का उपयोग कर सकते हैं। नीचे जीरा लगाने और उसकी देखभाल की विधि दी गई है।

गमले में जीरा कैसे उगाएं?

गमला तैयार करें: सबसे पहले एक गमला लें जिसमें अच्छी जल निकासी के लिए निचले हिस्से में छोटे छेद हों। गमले में अच्छी मिट्टी, जैविक खाद (कंपोस्ट) और रेत मिलाकर हल्की-सी बलुई मिट्टी तैयार करें।

बीज बोना: जीरे के बीजों को मिट्टी में एक-दूसरे से लगभग 2-3 इंच की दूरी पर बोएं। बीजों को हल्का सा मिट्टी से ढक लें, लेकिन बीज को बहुत गहरा न बोएं।

पानी देना: जीरे के बीजों को बिखरे हुए पानी से न हल्का न गीला रखें। मिट्टी को हल्का नम रखें, लेकिन पानी का जमाव न हो।

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जीरा प्लांट की देखभाल कैसे करें?

सूरज की रोशनी: जीरा को अच्छे विकास के लिए 6-8 घंटे की सीधी धूप की आवश्यकता होती है, इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें जहां सूर्य की रोशनी ठीक से मिल सके।

पानी देना: जीरे को बहुत ज्यादा पानी न दें, क्योंकि अधिक पानी से जड़ें सड़ सकती हैं। मिट्टी का पानी में भीगना अच्छा है, परंतु पानी का जमाव न हो, ताकि जड़ें सही से विकसित हो सकें।

खाद देना: हर 15-20 दिनों में पौधे को जैविक खाद या हल्की मात्रा में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक दें ताकि पौधे को अच्छे से पोषण मिल सके।

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साफ-सफाई: गमले के चारों ओर से खरपतवार हटाते रहें, ताकि जीरे के पौधों को अच्छे से बढ़ने का स्थान मिले।

संग्रहण: जब जीरे के पौधे पर फूल और फल आने लगते हैं, तब ध्यान रखें कि फल पूरी तरह से पक जाएं। जब बीज भूरे और सूखे हो जाएं, तब उन्हें इकट्ठा करें।