Friendship at workplace : अगर देखा जाए तो एक वर्किंग वूमेन का रोज ही आधा से ज्यादा समय अपने वर्कप्लेस यानी ऑफिस में गुजरता है। ऑफिस में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनसे हमारे संबंध एक सामान्य कुलीग से कुछ ज्यादा फ्रेंडशिप जैसे हो जाते हैं। 

जरूरी हैं वर्कप्लेस पर फ्रेंड्स
वर्कप्लेस पर फ्रेंड्स का होना जरूरी है ताकि हमें वहां लो फील ना हो, काम से ऊब या बोरियत महसूस ना हो। कभी कोई समस्या या अड़चन आए तो सही सलाह देने वाला हो। कई बार तो ज्यादा काम होने पर फ्रेंड हाथ बंटाकर हमारा काम हल्का कर देते हैं या किसी मुसीबत में फंसने पर बचा भी लेते हैं। इससे हमें एक मेंटल सपोर्ट मिलता है।

लेकिन जरूरी है प्रोफेशनल बैलेंस
सारी जरूरतों के बावजूद ऑफिस फ्रेंडशिप को बहुत समझदारी से निभाना चाहिए। हमें प्रोफेशनलिज्म और फ्रेंडशिप के बीच बैलेंस बनाकर रखना चाहिए। यह बैलेंस कुछ-कुछ वैसा ही होना चाहिए जैसा लाइफ पार्टनर और पैरेंट्स के बीच या रूममेट और फ्रेंड्स के बीच होता है। ऑफिस फ्रेंडशिप निभाने के दौरान पेशेवर अंदाज इसलिए जरूरी है कि कहीं कोई हमारे सहज-सरल व्यवहार का फायदा उठाकर हमें पीछे धकेल कर हमारी बारी में खुद प्रमोशन ना ले ले या किसी अहम प्रोजेक्ट का क्रेडिट खुद ना ले ले। इसलिए आवश्यकतानुसार हमें थोड़ा प्रोफेशनल रहना चाहिए। ध्यान रखें अगर बॉस ने आपको कोई सीक्रेट प्रोजेक्ट दिया है, कोई बड़ी जिम्मेदारी दी है तो उसे पूरी तरह सीक्रेट रखें। कोई आपसे काम करवा कर अपना प्रमोशन लेना चाह रहा है तो कभी ऐसा ना होने दें। यदि कोई कुलीग आपके नाम का कहीं से फायदा उठा रहा है, आपकी सहमति के बिना ही किसी से कह रहा है कि आपने रिकमेंड किया है तो इसके लिए स्पष्ट रूप से मना कर दें। इसी प्रकार अगर बॉस के पास आपके बारे में कोई ऐसी बात पहुंचाता है, जिससे आपका इंप्रेशन बिगड़े तो आपको बेहिचक अपने कुलीग की बात का खंडन करना चाहिए। सही बात सामने लानी चाहिए।

ऐसे निभाएं फ्रेंडशिप
अपने ऑफिस कुलीग के साथ फ्रेंडशिप बनी रहे, इसका भी हमें ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए समय-समय पर हम चीयरअप करते रहें। ऑफिस फ्रेंड का जोश बरकरार रखने के लिए टारगेट अचीव होने पर उसे बधाई दें, उसकी तारीफ करें। उसकी खुशी में शामिल हों, उसके सामने खुशी का इजहार करें। कभी भी अपने कुलीग से ईर्ष्या ना करें। अगर उसका प्रमोशन हुआ हो तो भूल से भी इस तरह के कटाक्ष ना करें, ‘भई, तेरी किस्मत चमक गई या तू तो बटरिंग करने में मास्टर है, इसलिए तेरी चांदी है। हमसे यह सब नहीं होता।’ इस तरह बोलने से आपके रिश्तों में खटास आएगी। कभी-कभी आपको अपने कुलीग्स के साथ ऑफिस आवर्स के बाद या संडे को घूमने-फिरने निकलना चाहिए। थोड़ा क्वालिटी टाइम स्पेंड करना चाहिए। 

हमेशा टच में रहें
अगर आपका पेशा ऐसा है, जिसमें अकसर आपको बाहर रहना पड़ता है तो टूर पर रहते हुए भी अपने ऑफिस फ्रेंड के टच में रहें। उसे मैसेज भेजें या कॉल करें। जिस शहर में आप गई हैं, जब वहां से वापस आएं तो उस शहर का कोई पॉपुलर फूड आइटम या गिफ्ट अपने फ्रेंड को दें। इससे आपके संबंध मधुर रहेंगे। 

अस्वस्थ होने पर साथ दें: अगर ऑफिस फ्रेंड अस्वस्थ है तो उसके हाल-चाल पूछने के साथ-साथ उसके लिए जरूरी व्यवस्थाएं करने में पीछे ना रहें। किसी प्रकार की आर्थिक मदद चाहिए या डॉक्टर के पास ले जाना हो तो साथ दें। इससे आपके संबंध मजबूत होंगे।

शिखर चंद जैन