Manicure: आज के दौर में महिलाएं ही नहीं, कई पुरुष भी अपने हाथों का सौंदर्य निखारने के लिए मेनीक्योर करवाने लगे हैं। लेकिन कुछ बातों पर ध्यान ना दिया जाए तो इससे काफी नुकसान भी हो सकता है। अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित माउंट सिनाई हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. हर्बर्ट पी. गुडहर्ट और कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के डॉ. हैंड्रिक उइटेंडेल ने मेनीक्योर से होने वाले नुकसान के बारे में बताया है।

हो सकता है इंफेक्शन
मेनीक्योर के पहले चरण में क्यूटिकल्स हटाए जाते हैं। इसके लिए कभी-कभी ऐसे सॉफ्टनर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें तेज बेस नेचर के केमिकल्स होते हैं। इससे स्किन की प्रोटेक्टिंग लेयर किरेटिन नष्ट हो जाती है। क्यूटिकल्स हटाने से अंगुली के उस हिस्से में जलन और आस-पास स्थित ऊतकों (टिश्यूज) में इंफेक्शन हो सकता है। कभी-कभी यह इंफेक्शन फैलकर नाखूनों की जड़ तक पहुंच जाता है और नाखून सदा के लिए खराब हो सकते हैं।

फ्रेंच मेनीक्योर के तहत वुडन पिक का इस्तेमाल किया जाता है। इससे भी इंफेक्शन हो सकता है। कुछ कॉस्मेटिक्स में प्वाइजनस एलर्जीकारक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें टॉल्यूइन, फैटालेट्स, कैंफर और फॉर्मल्डिहाइड शामिल हैं। इन तत्वों से युक्त नेल पॉलिश लगे नाखूनों वाली अंगुली को स्पर्श करके कोई आंखों को छूता या खुजलाता है, तो आंखों के आस-पास की स्किन चर्मरोग से प्रभावित हो सकती है। कई बार आटा गूंधने, सब्जी काटने, खाने आदि के कारण ये टॉक्सिक पदार्थ खाद्य सामग्री के माध्यम से पेट तक भी पहुंच जाते हैं।

एलर्जी को बढ़ा सकता है
अकसर महिलाएं अपने लंबे नाखूनों को टूटने से बचाने के लिए फाइबरयुक्त ‘नेल हार्डनर्स’ का प्रयोग करती हैं। इनपर डिजाइंस या नेल आर्ट चिपकाने के लिए ‘एक्रिलिक ग्लू’ का इस्तेमाल करती हैं। चिपकाने वाले पदार्थ एक्रिलिक ग्लू और नेल हार्डनर से एलर्जी होने की संभावना के साथ-साथ नेचुरल नेल्स को नुकसान पहुंच सकता है।

हाइजीन का रखना होगा ध्यान
डॉ. गुडहर्ट और डॉ. हैंड्रिक के अनुसार नाखूनों को उनके कुदरती रूप में ही रहने देना चाहिए। किसी खास अवसर पर मेनीक्योर और नेल कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करना हो तो क्यूटिकल्स को हटाना नहीं चाहिए। साथ ही मैनीक्योर पैक इस्तेमाल करते समय हाईजीन का ध्यान रखना चाहिए।

कई महिलाएं अपनी अंगुलियां लंबी दिखाने के लिए उन्हें फॉइलिंग करके अंडाकार रूप देती हैं। इससे नाखूनों का अपने आघार पर टूटने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए नाखूनों के कोने भी लंबे रखे जाएं, तो उन्हें अधिक सुरक्षित रखा जा सकता है।
  
 अंजू जैन