life in the new year: यह जीवन सुख-दुख और हर्ष-विषाद की एक अनवरत यात्रा है। हमारी कामनाएं इस यात्रा को गति देती हैं और परेशानी का कारण भी बनती हैं। इस वर्ष आपने ना जाने कितनी योजनाएं बनाई होंगी। कुछ पूरे हुए होंगे और कुछ शेष होंगे। कल की बेहतरी की उम्मीद जिजीविषा को बनाए रखती है और जीवन को नए मायने देती है। वस्तुतः नएपन का बोध व्यक्ति को ऊर्जा से भर देता है और यही ऊर्जा मनुष्य के विकास का आधार है। नववर्ष 2024 में हम स्व प्रबंधन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

आर्थिक प्रबंधन
यह आर्थिक युग है। जीने के लिए धन की अनिवार्यता है और आर्थिक आत्मनिर्भरता हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आप अपने परिवार से इतर लोगों के लिए भी सहारा बनते हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान देते हैं। व्यवसाय कई पीढ़ियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना सकता है। व्यवसाय के लिए पूंजी चाहिए और लंबे समय तक छोटी बचत से भी बड़ी पूंजी खड़ी हो सकती है। बाजार के प्रभाव में आकर अनावश्यक खर्चे से बचें और आर्थिक रूप से जागरूक बनें। जिस निवेश में जोखिम हो,उसमें लाभ की संभावना भी छिपी होती है। नया वर्ष ऐसी किसी योजना को कार्यरूप देने का अवसर है। जमीन या मकान में ऐसा निवेश ना करें, जो कई वर्षों तक आपकी परेशानी का सबब बना रहे। वास्तविक जरूरत का सम्यक आकलन ऐसी परेशानी से बचा सकता है।

स्वास्थ्य प्रबंधन
जो स्वस्थ है, वही जीवन का आनंद ले सकता है। किसी रोग से ग्रस्त होने से पहले भी शरीर कई तरह के संकेत देता है,लेकिन सामान्यतः हम उन्हें पकड़ नही पाते क्योंकि हम इसके प्रति इतने जागरूक नहीं होते। ऐसे में, बेहतर यही है कि प्रतिवर्ष बुनियादी मानदंडों पर अपने स्वास्थ्य को परखने के लिए अपनी जांच कराएं, ताकि यदि कोई रोग शरीर को अंदर पनप भी रहा हो, तो शुरुआती दौर में ही उसका पता चल जाए और आप आगे का जीवन सक्रियतापूर्वक बिता सकें। क्या बीते वर्ष में आपने ऐसी कोई जांच कराई है? यदि हां, तो क्या आपकी दिनचर्या डॉक्टर के कहे मुताबिक ही चल रही है या आप अब भी तमाम लक्षणों का विश्लेषण अपने कयास के आधार पर कर रहे हैं? चिकित्सा विज्ञान ने जो प्रगति की है, उसका लाभ उठाना आपका अधिकार है, यह लाभ लेने में ही ना सिर्फ आपकी बल्कि आपके परिवार की भी सुरक्षा और भलाई है।

संबंध प्रबंधन
यह दुनिया संबंधों की है। बहुधा देखा जाता है कि पद,कद,रुतबा बदलते ही हमारे व्यवहार में परिवर्तन आने लगता है। अपनी खुशहाली में हम जिनसे सम्मान और मान्यता की अपेक्षा रखते हैं, व्यवहार जगत में हम उन्हीं रक्तसंबंधियों से दूर होने लगते हैं। हममें से अधिकतर लोग अपने ही सगे-संबंधियों से धोखा खाए, सताए हुए हैं। ऐसे में,कई बार पराए, अल्पपरिचित लोग अधिक प्रिय लगने लग जाते हैं। फिर भी,संबंध छूट नहीं जाते। मैं सही-तू गलत के चक्कर में यदि संबंधों की न्यूनतम मर्यादा के पालन से भी आप चूके हों, तो आने वाला वर्ष इसे सुधारने का अवसर है। नए संबंध भी बनाएं और रक्तसंबंधियों से भी जुड़े रहें। इससे आगे चलकर पहचान का संकट पैदा नहीं होगा।

तकनीक प्रबंधन
जीवन में सबसे कीमती समय है जो दुबारा लौटकर नही आता है। सही समय पर लिया गया निर्णय एक लंबी छलांग दे सकता है। लेकिन हममें से बहुतों की दुनिया अब गैजेट्स तक सीमित रह गई है। वास्तव में, इन दिनों लोग सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय दे रहे हैं। परिवार छोटे हो रहे हैं और परिवार का हर सदस्य अपने मोबाइल में व्यस्त है। गौर कीजिए कि पिछले वर्ष में आपने प्रतिदिन सोशल मीडिया पर बिताए औसत समय की तुलना में क्या कुछ हासिल किया? सोशल मीडिया आपके लिए अपनी रचनात्मकता की अभिव्यक्ति या धनार्जन का विषय है या आप बस टाइमपास कर रहे हैं? गैजेट्स पर अपनी व्यस्तता की समीक्षा कीजिए और अधिक सार्थक काम को समय दीजिए। जीवन की जरूरतें बहुत अधिक नहीं हैं और ना ही महत्वाकांक्षा का कोई अंत है। इसलिए किसी भी तकनीक को उतना ही समय दें, जितने के बाद भी आप परिवार को पर्याप्त समय दे पा रहे हों।

मानसिक प्रबंधन
संभव है, बीत गया वर्ष आपके लिए किसी विषय या क्षेत्र में कड़वा अनुभव देने वाला रहा हो। यह अनुभव नए वर्ष में आपके काम आ सकता है, क्योंकि बकौल हरिवंश राय बच्चन-जो बीत गई, सो बात गई। किसी दुर्घटना के डर से हम सड़क पर निकलना तो नहीं छोड़ देते। जीवन में आगे बढ़ना ही होता है। अपनी जिजीविषा के बूते मनुष्य ने अनंत चुनौतियां पार की हैं। प्रकृति प्रतिपल नूतन है और जीवन का हर क्षण एक अप्रतिम अवसर है। महाप्राण निराला का महामंत्र है-‘नवगति नवलय ताल-छंद नव,नवल कंठ नव जलद मंत्र रव।’जब तक आप में प्राणऊर्जा है, आप अपनी परिस्थितियों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर सकते हैं। अपनी उस प्रतिभा को अवसर दीजिए, जो दबी है और जिससे संभावनाओं के नए द्वार खुल सकते हैं। अनंत अवसर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। 

आत्म प्रबंधन
मनुष्य केवल भूख, नींद और पैसा कमाने के लिए नहीं है। उसके पास एक विकसित मन और चेतना भी है। जीवन की इस आपा-धापी में, हमारे पास अपने लिए समय ना के बराबर रह गया है। आज ऐसा एकांत दुर्लभ होता जा रहा है, जिसमें हम कुछ समय सिर्फ अपने आपको दे सकें। स्वाध्याय, चिंतन-मनन, शांत करने वाले संगीत और ध्यान से हममें से अधिकतर लोग विमुख हैं। जीवन में जो कुछ भी आध्यात्मिक रूप से मूल्यवान है, तकनीक वो हमें नहीं दे रही है। सो निरंतर सक्रियता के साथ ठहरना भी जरूरी है। नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए आत्ममंथन भी हो कि क्या यह हमें बेहतर मनुष्य बना रही है? यह समय इस वर्ष की गलतियों से सबक लेकर नए वर्ष में नए संकल्प के साथ बिताएं। क्या आपके खान-पान और जगत-व्यवहार में शुचिता है? क्या प्रसन्नता आपके स्वभाव का सहज हिस्सा है और क्या चेतना के तल पर आप ऊपर उठ पाए हैं? क्या आपके जीवन में आध्यात्मिकता है? इन प्रश्नों के जवाब अगर ना में हैं तो यही सही समय है कि आत्मचेतना के लिए भी सक्रिय हों।

आवरण कथा
कुमार राधारमण