PDP Chief Mehbooba Mufti: पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को शनिवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों से बचकर भागती नजर आईं। दरअसल महबूबा बीते सप्ताह हुए आतंकी हमले में मारे गए सिविलयन से मिलने जा रही थी। यह पुंछ-राजौरी सीमा पर वही जगह है जहां पर बीते सप्ताह आतंकियों ने सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला किया था। हमले में चार जवान शहीद हुए थे।
हमें सिविलयन से मिलने से रोका जा रहा: महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने सेना के जवानों द्वारा रोके जाने के बाद कहा कि आतंकी यहां आते हैं सेना के जवानों को मार कर चले जाते हैं। इसके बाद सेना आती है और लोकल लोगों को मारकर चली जाती है। रवींद्र रैना भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष यहां आ सकते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता यहां आ सकते हैं। लेकिन मुझे कहा जा रहा है कि खतरा है। मुझे लगता है कि सबसे बड़ा खतरा ये लोग हैं हमारे लिए। यह हमें मृत सिविलयन के परिवार से मिलने ही नहीं देना चाहते। यह चाहते ही नहीं कि हम उनके जख्मों पर मरहम लगाएं।
कुछ छुपाने की हो रही है कोशिश
पीडीपी नेता ने कहा कि जिस तरह से हमें मृत लोकल लोगों के परिवार से मिलने से रोका गया है। इससे ऐसा लगता है कि कुछ छुपाने की कोशिश हो रही है। वहां कुछ और भी हो रहा है जिसको बताना नहीं चाह रहे। ऐसा कैसे चलेगा। जम्मू-कश्मीर के लोग इस मुल्क के साथ, गांधी के हिन्दुस्तान के साथ रिफ्यूजी बनकर नहीं आए थे। इतनी खूबसूरत जमीन, जंगल लेकर आए थे। आज हमें हमारी ही जमीन से खदेड़ा जाता है।
सिविलयन की मौत से नाराज हैं स्थानीय लोग
बीते सप्ताह राजौरी-पुंछ सीमा पर हुए आतंकी हमले में चार जवान शहीद हो गए। इस हमले के बाद सेना ने कई सिविलयन को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके बाद इनमें से तीन युवक मृत पाए गए। सेना पर इन सिविलयन की हत्या करने का आरोप लगा। सेना ने एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठाई है। रक्षा मंत्री खुद मृत सिविलियन की परिवार से मिल चुके हैं। इसके बाद भी इसको लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है।