Arjun Modhwadia resigns from Congress: गुजरात कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मोढ़वाडिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम लिखे इस्तीफे में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के न्यौता ठुकराने का मुद्दा उठाया। मोढ़वाडिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के लिए पूजनीय ही नहीं बल्कि भारत के आस्था के केंद्र भी हैं। अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का न्यौता ठुकराने से लाेगों की भावनाएं आहत हुई हैं। 

बीते 40 साल से कांग्रेस से जुड़े थे मोढवाडिया
मोढवाडिया ने  कहा कि प्रभु राम न केवल हिंदुओं के लिए बल्कि पूरे देश के लिए आस्था के प्रतीक हैं। ऐसे में राम मंदिर का न्यौता ठुकराकर पार्टी देश के लोगों की भावननाओं का आकलन करने में विफल रही है। सोमवार को मोढवाडिया ने अपना इस्तीफा  गुजरात विधानसभा के स्पीकर को सौंप दिया। मोढवाडिया बीते 40 साल से कांग्रेस के सदस्य थे। 

'लोग कांग्रेस के फैसले से आहत हैंं'
मोढवाडिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि मैं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्यौता ठुकराए जाने के खिलाफ थे। मैंने इसके बाद कई लोगों से मुलाकात की थी। इस दौरान लोगों ने भी बताया कि वह कांग्रेस के राम मंदिर का न्यौता ठुकराने के फैसले से आहत हैं। इसके साथ ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन राहुल गांधी ने असम में हंगाम किया और समारोह से ध्यान भटकाने की कोशिश की। इससे लोगाें की भावनाएं और भी आहत हुई।

'मैंने काग्रेस के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया' 
मोढ़वाडिया ने मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा है कि मैं बीते कुछ सालों से पार्टी में असहाय महसूस कर रहा था। मैं अपने क्षेत्र पोरबंदर और गुजरात के लोगों के लिए कुछ नहीं कर पा रहा था। इसलिए भारी मन से मैं उस पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं जिससे मैं बीत 40 साल से जुड़ा हुआ था और जिस पार्टी के लिए मैंने अपना पूरा जीवन दे दिया। बीते चार दशक के दौरान मुझपर स्नेह दिखाने के लिए मैं पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं का शुक्रगुजार हूं।