PM Modi Saw Ramlala Surya Tilak: कहते हैं कि आस्था और संस्कार किसी स्थान के अधीन नहीं होते हैं। इस बात को चरितार्थ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया। बुधवार, 17 अप्रैल को रामनवमी के पर्व पर जब पूरी दुनिया भगवान रामलला के ललाट पर भगवान भुवन भास्कर के तिलक के अद्भुत क्षण का गवाह बन रही थी, उस वक्त पीएम मोदी असम में रैली कर अपने हेलिकॉप्टर से अगरतला जा रहे थे। पीएम ने टैबलेट पर अयोध्या राम मंदिर में हुए राम जन्मोत्सव देखा। इस दौरान वे भक्ति में लीन नजर आए। पैरों में जूते नहीं थे। दाहिना हाथ सीने पर था।
मेरे लिए भी ये बेहद भावुक पल
दरअसल, भगवान राम सूर्यवंशी हैं और सूर्य उनके पूर्वज। सूर्य देव ने रामनवमी के पावन पर्व पर अपने कुल में जन्म लेने वाले रामलला को तिलक लगाया। पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि दिव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी है। जिसमें प्रभु श्रीराम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवसर भी आया है। मैंने अपनी नलबाड़ी रैली के बाद राम लला पर सूर्य तिलक देखा। करोड़ों भारतीयों की तरह मेरे लिए भी ये बेहद भावुक पल है। अयोध्या में भव्य रामनवमी ऐतिहासिक है। यह सूर्य तिलक हमारे जीवन में ऊर्जा लाए और हमारे राष्ट्र को गौरव की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करे।
प्रधानमंत्री @narendramodi जब रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक का सीधा प्रसारण देख रहे थे तो उन्होंने पैरों से जूते भी उतार दिये थे, आस्था और संस्कार किसी स्थान के अधीन नहीं होते हैं. 🚩 pic.twitter.com/epMadsBOcB
— Vikas Bhadauria (@vikasbha) April 17, 2024
सूर्य तिलक का आइडिया पीएम मोदी का था
पीएम मोदी नवाचार करने के लिए जाने जाते हैं। रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक का सुझाव भी प्रधानमंत्री मोदी का ही था। प्रभु श्रीराम सूर्यवंशी क्षत्रिय हैं। ऐसे में रामनवमी पर सूर्य तिलक प्रभु रामलला के ललाट पर शोभायमान होना चाहिए, यह सुझाव खुद पीएम मोदी ने दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक से विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों की टीम को बुलाकर इसकी जिम्मेदारी भी सौंपी।
ये टीम खगोलीय गणना के माध्यम से सूर्य प्रकाश को सीधे प्रभु श्री राम के मस्तक तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था में जुट गई। रामनवमी से पहले सूर्य तिलक के अनुसंधान कई दिनों तक चले और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये सपना साकार हो गया। जब राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने वाला था, तब प्रधानमंत्री मोदी ने ये सुझाव दिया था जिसकी परिणति रामनवमी के दिन हुई और सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक करते नजर आईं। ढाई मिनट तक सूर्य की किरणें दिव्य 'सूर्य तिलक' के रूप में रामलला की मूर्ति के माथे पर पड़ीं।
सत्यसंधान, निर्वानप्रद, सर्वहित, सर्वगुण-ज्ञान-विज्ञानशाली।
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) April 17, 2024
सघन-तम-घोर-संसार-भर-शर्वरी नाम दिवसेश खर-किरणमाली॥
सूर्यकुल भूषण श्री रामलला के ललाट पर सुशोभित भव्य 'सूर्य तिलक' आज अखिल राष्ट्र को अपने सनातन गौरव से आलोकित कर रहा है।
जय जय श्री राम! pic.twitter.com/t0dO26tS1F
पीएम मोदी ने की थी प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी। इसके बाद यह पहली रामनवमी है। असम के नलबाड़ी जिले में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज राम नवमी का ऐतिहासिक अवसर है। 500 साल के इंतजार के बाद आखिरकार भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं और अब से कुछ ही मिनटों में उनका सूर्य तिलक लगाकर जयंती मनाई जाएगी।
पीएम मोदी ने लगाए नारे
पीएम मोदी ने रैली में उपस्थित सभी लोगों से अपने मोबाइल फोन पर टॉर्च चालू करने के लिए कहा। और कहा कि यहां हम अपने मोबाइल फोन से भी भगवान राम को प्रणाम कर रहे हैं। हम अपने मोबाइल फोन की किरणें भेजकर 'सूर्य तिलक' भी मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने सभी से जय श्री राम, जय जय श्री राम, राम लक्ष्मण जानकी और जय बोलो हनुमान की का जाप करने को कहा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और राज्य मंत्री अतुल बोरा को जय श्री राम के नारे के बीच अपने फोन लहराते देखा गया।