Sheena Bora Murder Case: मुंबई के हाईप्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड में हड्डियों (अवशेष) को लेकर बड़ा अपडेट है। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बारे में ट्रायल कोर्ट को एक ईमेल मिला, जिसमें बताया गया है कि शीना बोरा के कथित कंकाल के अंश असल में सीबीआई दफ्तर में मिले हैं। रायगढ़ के जंगल से जब्त जिन हड्डियों को शीना बोरा के अवशेष बताया जा रहा था, सीबीआई ने 10 जून को अदालत को सूचित किया कि अवशेष गायब हैं।
बता दें कि 24 वर्षीय शीना की 2012 में हत्या हुई थी। इस मामले में उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी और अन्य आरोपी हैं। फिलहाल, इंद्राणी मुखर्जी मई 2022 में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर हैं। उनके पूर्व पति पीटर मुखर्जी को भी मर्डर केस में बेल मिल चुकी है।
ट्रायल कोर्ट को मिला एक ईमेल, CBI से जबाव तलब
शीना बोरा के कथित अवशेष मिलने का खुलासा उसी दिन हुआ, जब ट्रायल कोर्ट को एक ईमेल मिला। जिसमें दावा किया गया है कि शीना की हड्डियां खोई नहीं थीं, बल्कि इन्हें एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट के पास रखा गया था, जिन्होंने इन्हें जांचा था और अब वह हत्याकांड में गवाह हैं।
जज एस पी नाइक निंबालकर ने ईमेल की सूचना के बाद कोर्ट में मौजूद बचाव पक्ष के वकीलों को बताया और आरोप की जांच के निर्देश दिए। अदालत ने केंद्रीय जांच एजेंसी से उनका जबाव मांगा है।
सीबीआई ने जंगल से मिली हड्डियों को नहीं माना सबूत
सीबीआई के वकील सीजे नंदोडे ने PTI को बताया कि हमने पहले 24 अप्रैल को कोर्ट को बताया था कि शीना बोरा के अवशेष 'अनट्रेसएबल' हैं। 10 जून को उन्होंने दोबारा इस बात की पुष्टि की कि हड्डियां नहीं मिल रही हैं। लेकिन ऑफिस के 'मालखाना' में जाकर... हड्डियां मिलीं हैं। सीबीआई ने बताया कि इन अवशेषों को सबूत के रूप में नहीं माना क्योंकि चार्जशीट में हड्डियों का जिक्र नहीं किया गया है। 10 जून को जेजे अस्पताल की फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. जेबा खान की गवाही के वक्त हड्डियां गायब होने की बात कही गई थी।
इंद्राणी मुखर्जी ने क्या कहा था?
- INX मीडिया की पूर्व सीईओ इंद्राणी मुखर्जी ने 10 जून को कहा था- "मुझे लगता है कि मई 2012 में कहीं कोई कंकाल के अवशेष मिले ही नहीं थे। ये एक मनगढ़ंत कहानी थी, क्योंकि सीबीआई जैसी प्रमुख एजेंसी की हिरासत के अलावा इस तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। केस से जुड़े अहम सबूत गायब हो सकते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि सबूत कभी अस्तित्व में थे ही नहीं। कई एजेंसियों की हेराफेरी के चलते जांच अधूरी रह गई और हर कोई उलझन में था।''
- ''एजेंसियों ने मुझ पर आरोप लगाने की जल्दी की, क्योंकि उनका टाइम खत्म हो रहा था। केस से जुड़े लोगों से फिर से पूछताछ होनी चाहिए। एक डीएनए एक्सपर्ट को डीएनए रिपोर्ट बनाने के लिए इसमें कांट-छांट क्यों करनी पड़ी और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करनी पड़ी। राहुल मुखर्जी मेरी बेटी का मंगेतर होने का दावा करता है और कहता है कि उसने आखिरी बार शीना को देखा था, मुझे लगता है कि राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है।''
शीना बोरा मर्डर केस क्या है?
- 12 अप्रैल 2012 को मुंबई के पास रायगढ़ में शीना बोरा की गला घोटकर हत्या की गई थी। इसके बाद पेट्रोल डालकर शव जलाया गया और अवशेषों को पेन गांव के जंगल में फेंक दिया गया था।
- इसके बाद 26 अगस्त 2015 को पुलिस ने इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर राय को अवैध हथियार मामले में गिरफ्तार किया और शीना बोरा की हत्या का परतें खुलती चली गईं।
- मुंबई पुलिस ने अगस्त और सितंबर में इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति संजीव खन्ना को सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया। सीबीआई ने जांच शुरू करते हुए इंद्राणी, संजीव खन्ना और श्यामवर राय के खिलाफ केस दर्ज किया।
- 19 नवंबर 2015 को इंद्राणी के दूसरे पति पीटर मुखर्जी की गिरफ्तारी हुई। इंद्राणी ने पीटर से कहा था कि शीना उसकी बहन है। पीटर के बेटे राहुल और शीना के करीबी रिश्ते थे।
- 4 अक्टूबर 2019 को इंद्राणी और पीटर 17 साल बाद तलाक लेकर अलग-अलग हो गए। उनकी शादी 2002 में हुई थी।
- इसके बाद फरवरी 2020 में पीटर मुखर्जी और मई 2022 में इंद्राणी मुखर्जी को जमानत मिली। कोर्ट ने केस लंबा चलने की बात कही।
- 13 जून 2024 को सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 2012 में पेन गांव के जंगल से बरामद हड्डियां गायब हो चुकी हैं। यह जानकारी फॉरेंसिंक एक्सपर्ट्स की गवाही के वक्त सामने आई है।